बिहार राज्य में सरकारी तालाब और जलकर बंदोबस्ती की पूरी प्रक्रिया एक समान होगी जिससे यहां के मछुआरों को काफी लाभ मिलेगा. दरअसल बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार मत्स्य जलकर प्रबंधन की नियामावली 2019 को तैयार किया गया है. उन्होंने कहा कि विभागीय वेबासाइट पर यह प्रारूप है इसमें और भी संशोधन के लिए सुझाव दिया जा सकता है. सरकार मछुआरों और एससी एसटी को मछलीपालन के लिए कुल 90 प्रतिशत अनुदान भी देगी. उन्होंने कहा कि मत्स्य जलकर नियामवली पर आयोजित सेमिनार में बोल रहे थे.
इतना प्रतिशत अनुदान मिलेगा
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना के तहत मछुआरों को पूरे तरह से ध्यान में रखते हुए अतिपिछड़ी जाति के जातकों को लाभुको को 90 प्रतिशत तक अनुदान भी मिलेगा. कोई भी नये तालाब के निर्माण पर अनुदान भी ले सकते है. यहां पर बोरिंग की इकाई लागत 50 हजार रूपये में 45 अनुदान मिलेगा. पंपसेट की लागत इकाई 25 हजार में 22.50 हजार रूपए अनुदान ले सकते है. मछलियों की सुरक्षित मार्केटिंग और रोजगार के लिए आइस बॉक्स मोपेड थ्री व्हीलर और फोर व्हीलर 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराने की योजना है. मोपेड के लिए 50 हजार, थ्री व्हीलर के लिए 2.80 लाख और फोर व्हीलर के लिए 4.80 लाख लागत मूल्य में से 90 प्रतिशत राशि सरकार देगी.
सरकार के पास मछुआरों का डाटा
यहां के सचिव ने कहा कि वर्ष 2019-20 में राज्य योजना से मछुआ सहयोग समितियों के सदस्यों के लिए सामूहिक जीवन दुर्घटना बीमा के तहत 172.77 लाख रूपए का प्रवाधान किया गया है. यहां पर पीएम सुरक्षा बीमा योजना, आक्समिक पॉलिसी, पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना का प्रस्ताव किया गया है. अभी तक मात्र एक लाख मछुआरा ही डाटा सरकार को उपलब्ध है. उन्होंने प्रखंड स्तरीय मत्स्यजीवी सहयोग समिति समेत अन्य अधिकारी थे.