Subsidy For Mulching: कृषि क्षेत्र में विकास और सुधार के लिए सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, इसी क्रम में बिहार सरकार किसानों के लिए एक नई और लाभकारी योजना लेकर आई है. सरकार ने किसानों को मल्चिंग (Mulching) तकनीक अपनाने के लिए 50% अनुदान देने का ऐलान किया है. इस तकनीक के जरिए न केवल फसल उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों को कम लागत में ज्यादा मुनाफा भी मिलेगा.
मल्चिंग तकनीक: क्या है और कैसे है फायदेमंद?
मल्चिंग तकनीक का मतलब है फसलों के आसपास की मिट्टी को किसी विशेष सामग्री से ढक देना, जिससे मिट्टी की नमी बनी रहती है, खरपतवार नहीं उगते और मिट्टी का कटाव रुकता है. इस प्रक्रिया के कई फायदे हैं:
- कम पानी में ज्यादा उत्पादन: मल्चिंग से मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम होती है.
- खरपतवार पर नियंत्रण: मल्चिंग से खेत में खरपतवार उगने की समस्या कम होती है, जिससे किसानों को निराई-गुड़ाई में समय और लागत की बचत होती है.
- उत्पादन में वृद्धि: इस तकनीक से फसलें जल्दी खराब नहीं होती और उत्पादन में वृद्धि होती है.
बिहार सरकार का 50% अनुदान
बिहार सरकार ने उद्यान निदेशालय (Horticulture Directorate) के माध्यम से इस योजना को शुरू किया है, जिसमें किसान मल्चिंग तकनीक अपनाने पर 50% तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. यह अनुदान किसानों के खर्च का आधा हिस्सा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, और यह राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजी जाएगी. इससे किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी.
किसानों की आय दोगुनी होगी
सरकार का मानना है कि मल्चिंग तकनीक अपनाने से किसानों की आय दोगुनी हो सकती है. इसके कई कारण हैं:
- सिंचाई में कमी: मल्चिंग से पानी की खपत कम होगी, जिससे पानी की बचत होगी.
- कम खर्च: खरपतवार पर नियंत्रण, कम कीटनाशकों का इस्तेमाल और खाद की खपत में कमी होगी, जिससे उत्पादन की लागत घटेगी.
- बेहतर फसल सुरक्षा: मल्चिंग से मिट्टी की नमी बनी रहती है और तापमान नियंत्रित रहता है, जिससे फसलें ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रहती हैं.
मल्चिंग के अन्य फायदे
मल्चिंग तकनीक से किसानों को कुछ और फायदे भी होते हैं:
- फसलों की जड़ों की मजबूती: मल्चिंग से फसलों की जड़ें मजबूत होती हैं, जिससे उनकी ग्रोथ में सुधार होता है.
- मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है: मल्चिंग से मिट्टी का कटाव रुकता है, जिससे खेत की मिट्टी उपजाऊ बनी रहती है.
- कम रासायनिक उपयोग: मल्चिंग से कीटनाशकों और रासायनिक खाद का कम इस्तेमाल होता है, जिससे कृषि उत्पादन अधिक जैविक होता है.
ड्रिप सिंचाई का अतिरिक्त लाभ
अगर किसान मल्चिंग के साथ-साथ ड्रिप इरिगेशन (Drip Irrigation) प्रणाली भी अपनाते हैं, तो उन्हें और अधिक लाभ मिलेगा. ड्रिप सिंचाई से पानी की बचत होती है, मिट्टी का कटाव रुकता है, और फसल की ग्रोथ बेहतर होती है. इससे किसानों को कम लागत में ज्यादा पैदावार मिलती है, जो उनकी आय में और भी वृद्धि कर सकती है.
अनुदान कैसे प्राप्त करें?
अगर आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो आपको बिहार सरकार के उद्यान निदेशालय से आवेदन करना होगा. आवेदन के बाद सरकार आपके खाते में 50% अनुदान भेजेगी. यह योजना किसानों के लिए आय दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. अधिक जानकारी के लिए उद्यान निदेशालय, बिहार सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in पर भी विजिट कर सकते हैं.