किसानों की अच्छाई के लिए केंद्र और राज्य सरकारें तमाम कदम उठाती हैं. फिर भी किसानों के सामने कई समस्याएं खड़ी हो जाती हैं. किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या बदलते मौसम का है.
मौसम की मार से बचायेगी बिहार सरकार
हर साल किसानों की फसलें मौसम की मार की वजह से बर्बाद हो जाती हैं. इस बार मार्च महीने में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला. मार्च में हुई बेमौसम बारिश से किसानों की हजारों एकड़ गेहूं और सरसों की फसलों को भारी पैमाने पर नुकसान पहुंचा है. हालांकि फसल नुकसान को लेकर केंद्र सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाती है, जिसका लाभ लेकर किसान फसल नुकसान का मुआवजा लें सकते हैं. इसी कड़ी में बिहार सरकार राज्य के किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कृषि इनपुट सब्सिडी योजना चलाती है. इस योजना के तहत मौसम से बर्बाद हुई फसलों के लिए अनुदान दिया जाता है.
कृषि इनपुट सब्सिडी योजना क्या है?
बिहार सरकार द्वारा राज्य के किसानों के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना चलाई जाती है, जिसके तहत किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसल बर्बाद होने पर नुकसान की भरपाई की जाती है. इसके तहत असिंचित क्षेत्र के किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से फसल बर्बाद होने पर 6800 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से दिया जाता है. वहीं सिंचित क्षेत्र के किसानों को फसल बर्बाद होने पर 13500 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से दिया जाता है. जबकि राज्य के बंजर क्षेत्र, जहां 4 इंच तक रेत इकट्ठी होती है, वहां के किसानों को फसल नुकसान होने पर 12,200 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से अनुदान का प्रावधान है.
कृषि इनपुट सब्सिडी योजना का लाभ यहां से लें किसान
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को बिहार सरकार के कृषि विभाग की आधिकारिक वेबसाइट से ऑनलाइन आवेदन करना होगा.
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कृषि इनपुट सब्सिडी योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
किसान बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए.
किसान के पास कम से कम 2 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए
किसान का बैंक खाता, आधार कार्ड से जुड़ा होना चाहिए, क्योंकि कृषि इनपुट अनुदान योजना की राशि किसानों के बैंक खाते में भेजी जाती है.