Papaya Farming: पपीते की खेती से होगी प्रति एकड़ 12 लाख रुपये तक कमाई! जानिए पूरी विधि सोलर पंप संयंत्र पर राज्य सरकार दे रही 60% अनुदान, जानिए योजना के लाभ और आवेदन प्रक्रिया केवल 80 से 85 दिनों में तैयार होने वाला Yodha Plus बाजरा हाइब्रिड: किसानों के लिए अधिक उत्पादन का भरोसेमंद विकल्प किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 April, 2021 4:11 PM IST
Multi Layer Farming

आज का किसान पारंपरिक खेती से हटकर कई अलग-अलग नई तकनीक के जरिए खेती कर रहे हैं. किसान कई नई किस्म और तकनीक से जरिए फसलों का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं. कुल मिलाकर आज के समय में खेती के कई तकनीक आ गई हैं, जिसमें कम लागत के साथ अच्छा मुनाफा मिलता है. ऐसी ही एक तकनीक मल्टी लेयर फार्मिंग की है.

जी हां, अब अधिकतर किसान मल्टी लेयर फार्मिंग (Multi Layer Farming) का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे एक समय में 3 से 4 फसलों की खेती कर सकते हैं. खास बात यह है कि इससे खेती में लागत और पानी की बचत होती है और मुनाफा कई गुना तक बढ़ जाता है. आइए जानते हैं कि मल्टी लेयर फार्मिंग (Multi Layer Farming) क्या है, जिससे किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

क्या है मल्टी लेयर फार्मिंग? (What is multi-layer farming?)

इस तकनीक के तहत खेती करने में पहले तीन या चार फसलों का चयन करना पड़ता है. इसमें एक फसल ऐसी होती है, जिसकी खेती जमीन के नीचे होती हो, जबकि दूसरी फसल वो होती हैं, जिनकी खेती जमीन के ऊपर होती हो. इसके बाद बेल की तरह तीसरी और चौथी फसल बड़े पड़ों के रुप में होती है.

कैसे होती है मल्टी लेयर फार्मिंग? (How is multi-layer farming done?)

इस तकनीक के तहत फसल चुनाव और उनकी बुवाई की मुख्य भूमिका होती है. जैसे कि कई किसान फरवरी में जमीन में अदरक लगा देते हैं फिर उसे मिट्टी से ठक देते हैं. इसके बाद भाजी लगा देते हैं. इससे खरपतवार भी नहीं लगते हैं, साथ ही बांस के सहारे एक तार की छत की तरह बना देते हैं. इसमें अलग-अलग बेल वाली सब्जियां लगा दी जाती हैं. इस तरह जमीन पर सीधे धूप पड़ती है. इसके अलावा ओलावृष्टि के समय नीचे वाली फसल भी सुरक्षित रहती है. इसके साथ ही पपीते के पौधे लगा देते हैं. इसे ऐसे समय लगाया जाता है, जिससे पपीते का तना कुछ दिनों में ऊपर बनाई गई छत से ऊपर निकल जाता है और फिर बेल के ऊपर फल देने लगता है.

एक साथ चार फसल का फायदा

इस तकनीक के तहत पानी का अधिक फायदा होता है. मतलब यह है कि आप एक जमीन पर सिंचाई करके लगभग 4 फसल खड़ी कर सकते हैं. इसके साथ ही निदाई-गुड़ाई का खर्च कम लगता है और आपको नुकसान होने का डर भी काफी कम होता है. इससे आप आसानी से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.

मल्टी लेयर फार्मिंग से फायदा (Benefit from multi-layer farming)

  • इस तकनीक से खेती में 4 गुना तक कम लागत लगती है.

  • खेती से 8 गुना तक फायदा होता है.

  • एक से दूसरी फसल को पोषक तत्व मिलते हैं.

English Summary: Knowledge of multi-layer farming
Published on: 26 April 2021, 04:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now