आज का किसान पारंपरिक खेती से हटकर कई अलग-अलग नई तकनीक के जरिए खेती कर रहे हैं. किसान कई नई किस्म और तकनीक से जरिए फसलों का अच्छा उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं. कुल मिलाकर आज के समय में खेती के कई तकनीक आ गई हैं, जिसमें कम लागत के साथ अच्छा मुनाफा मिलता है. ऐसी ही एक तकनीक मल्टी लेयर फार्मिंग की है.
जी हां, अब अधिकतर किसान मल्टी लेयर फार्मिंग (Multi Layer Farming) का इस्तेमाल कर रहे हैं. इससे एक समय में 3 से 4 फसलों की खेती कर सकते हैं. खास बात यह है कि इससे खेती में लागत और पानी की बचत होती है और मुनाफा कई गुना तक बढ़ जाता है. आइए जानते हैं कि मल्टी लेयर फार्मिंग (Multi Layer Farming) क्या है, जिससे किसान कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
क्या है मल्टी लेयर फार्मिंग? (What is multi-layer farming?)
इस तकनीक के तहत खेती करने में पहले तीन या चार फसलों का चयन करना पड़ता है. इसमें एक फसल ऐसी होती है, जिसकी खेती जमीन के नीचे होती हो, जबकि दूसरी फसल वो होती हैं, जिनकी खेती जमीन के ऊपर होती हो. इसके बाद बेल की तरह तीसरी और चौथी फसल बड़े पड़ों के रुप में होती है.
कैसे होती है मल्टी लेयर फार्मिंग? (How is multi-layer farming done?)
इस तकनीक के तहत फसल चुनाव और उनकी बुवाई की मुख्य भूमिका होती है. जैसे कि कई किसान फरवरी में जमीन में अदरक लगा देते हैं फिर उसे मिट्टी से ठक देते हैं. इसके बाद भाजी लगा देते हैं. इससे खरपतवार भी नहीं लगते हैं, साथ ही बांस के सहारे एक तार की छत की तरह बना देते हैं. इसमें अलग-अलग बेल वाली सब्जियां लगा दी जाती हैं. इस तरह जमीन पर सीधे धूप पड़ती है. इसके अलावा ओलावृष्टि के समय नीचे वाली फसल भी सुरक्षित रहती है. इसके साथ ही पपीते के पौधे लगा देते हैं. इसे ऐसे समय लगाया जाता है, जिससे पपीते का तना कुछ दिनों में ऊपर बनाई गई छत से ऊपर निकल जाता है और फिर बेल के ऊपर फल देने लगता है.
एक साथ चार फसल का फायदा
इस तकनीक के तहत पानी का अधिक फायदा होता है. मतलब यह है कि आप एक जमीन पर सिंचाई करके लगभग 4 फसल खड़ी कर सकते हैं. इसके साथ ही निदाई-गुड़ाई का खर्च कम लगता है और आपको नुकसान होने का डर भी काफी कम होता है. इससे आप आसानी से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
मल्टी लेयर फार्मिंग से फायदा (Benefit from multi-layer farming)
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इस तकनीक से खेती में 4 गुना तक कम लागत लगती है.
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खेती से 8 गुना तक फायदा होता है.
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एक से दूसरी फसल को पोषक तत्व मिलते हैं.