लौकी एक सदाबहार सब्जी है जो साल में तीन बार उगाई जाती है. इसकी खेती जायद, खरीफ तथा रबी सीजन में ली जा सकती है. जहां जायद सीजन की बुवाई जनवरी, खरीफ सीजन की बुवाई जून के पहले सप्ताह से जुलाई तक तथा रबी सीजन में सितंबर-अक्टूबर महीने में की जाती है. आज हम आपके ऐसे ऑर्गनिक खाद के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका प्रयोग करके आप लौकी के उत्पादन को बढ़ा सकते हैं.
शहद का छिड़काव करें (Sprinkle honey)
आमतौर पर लौकी में अधिक फल नहीं आने की शिकायत रहती है. इसका कारण है फूल आने के बाद सही तरीके से परागण नहीं हो पाता है. दरअसल, इसके पौधे पर एक नर और दूसरे मादा फूल होते हैं. मादा फूल में ही लौकी का फल आता है. इसके लिए परागण होना बेहद आवश्यक है. ऐसे में यदि आपके पौधों पर परागण के लिए मधुमक्खियां या तितलियाँ नहीं आ रही हैं इस पर शहद का छिड़काव करें. जिससे मधुमक्खियां पौधे पर आने लगेगी व परागण की क्रिया बढ़ेगी.
छोटे फल झड़ने लगते हैं (small fruits fall down)
अधिक उत्पादन नहीं होने की एक बड़ी वजह है लौकी के छोटे-छोटे फल पीले होकर झड़ने लगते हैं. दरअसल, लौकी के फल में यह समस्या कुछ मक्खियों के हमले के कारण होता है. यह मक्खियां फल पर हमला कर देती हैं जिससे फल अपने अपने आप पीला होकर सड़ने लगता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए आर्गेनिक तरीके से निर्मित कीटनाशक का छिड़काव किया जा सकता है.
कैसे तैयार करें ऑर्गनिक कीटनाशक उत्पादन (How to prepare organic pesticide production)
इसके लिए कपूर, तम्बाकू तथा नीम तेल की आवश्यकता पड़ती है. सबसे पहले एक लीटर पानी में तंबाकू को अच्छे तरीके से उबाल लें. पानी को इतना उबाले कि उसकी मात्रा आधी बच जाए. जिसे छानकर इस्तेमाल किया जा सकता है. अब इस पानी में कपूर की दो टिकिया डाल दें. अब इसमें 10 एमएल नीम ऑइल डाल देंगे. अब इस तैयार घोल में 2 लीटर पानी और मिला दें. जिसके बाद स्प्रे पम्प की सहायता से पौधे की पत्तियों पर इसका छिड़काव करें.
उत्पादन कैसे बढ़ाएं? (How to increase production?)
इसके लिए जैविक उर्वरक का इस्तेमाल किया जाता है जिसे तैयार करने के लिए केले छिलके तथा मस्टर्ड केक (सरसों की खली) का उपयोग किया जाता है. दरअसल, केले के छिलके में काफी मात्रा में पोटेशियम तथा सरसों खली में कई तरह के माइक्रो न्यूट्रिशन होते हैं. सबसे पहले दो लीटर पानी लें जिसमें केले के दो छिलकों को डाल दें. अब इसमें 20 से 30 मस्टर्ड केक को डालें. अब इस घोल को ऐसी जगह रखें जहां छाया रहती हो. 15 दिनों तक इस घोल को रखें और सुबह-शाम घोल को अच्छी तरीके से हिलाएं. अब इसमें 5 लीटर पानी में मिक्स कर लें. इसके बाद इस घोल को पौधों में डालें.