देश की राजनीति में फेरबदल अकसर नजर आता है. लेकिन इस बार केंद्र सरकार महिलाओं की राजनीति में सहभागिता को लेकर सालों की अटकलों को दूर कर दिया है. इस बार मोदी सरकार ने 27 साल बाद लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से पेश किया और महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की शक्ति देने वाला पहला बिल पास हुआ. यह विधेयक लोकसभा से पारित हो कर राज्य की विधानसभाओं में लागू किया जाएगा. महिला नारीशक्ति वंदन विधेयक की मंजूरी मिलने से अब हमारे देश की महिला औऱ अपना परचम लहराने के लिए तैयार है.
नारी शक्ति वंदन विधेयक पर अमित शाह ने क्या कहा
केंद्रिय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि 2024 की लोकसभा के तुरंत बाद जणगणना और परिसीमन की कार्रवाई पूरी की जाएगी. उसके बाद लोकसभा व राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं को करीब एक तिहाई आरक्षण से संबंधित विधेयक लागू हो जाएगा.
कल्याण करने का काम पीएम मोदी ने किया
गृह मंत्री ने कहा कि दूसरी पार्टियों के लिए ये चुनावी एजेंडा हो सकता है. कुछ लोग इस विधेयक का विरोध भी करेंगे, लेकिन मेरी पार्टी और मेरे नेता नरेंद्र मोदी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं है. विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए आगे कहा कि राजनीति के लिए लोग भाषण बाजी करते रहें, लेकिन मन से कल्याण करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है.
नारी शक्ति वंदन विधेयक को मिली मंजूरी, विपक्ष नाराज़
नारी शक्ति वंदन विधेयक को लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी दे दी, जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है, जिसे लेकर राजनीति की सरगर्मी काफी तेज हो गई है. कुछ पार्टी ने इसका समर्थन किया तो कुछ ने इस विधेयक पर अपनी नाराजगी जताई तो कुछ ने पुरजोर विरोध किया. असुदुद्दीन ओवेसी के नेतृत्व वाली पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन ने इस विधेयक का विरोध किया. साथ ही कई विपक्षी दलों ने कहा कि संविधान की जो प्रतियां सांसदों को दी गई, उसकी प्रस्तावना से बड़ी चालाकी से सेक्युलर, सोशलिस्ट शब्द हटा दिए गए हैं.
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नारी शक्ति वंदन विधेयक से महिलाओं को मिलने वाला लाभ
नारी शक्ति वंदन विधेयक से महिलाओं की सहभागिता राजनीति में भी बढ़ेगी साथ ही ये अपने शक्तियों व अधिकारों का उपयोग करके देश को तरक्की की ओग अग्रसर करेंगी. आज हर क्षेत्र में देश की बेटियां अपना परचम लहरा रहीं हैं. अब इसकी सहभागिता राजनीति में भी बढ़ सकती हैं.