सहजन (मुनगा) लम्बी फलियों वाली एक सब्जी का पेड़ है जो भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में उगाया जाता है. सहजन के बारे में विज्ञान में प्रमाणित किया गया है कि इस पेड़ का हर अंग स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभदायक है. इसे अग्रेजी में मोरिंगा तथा ड्रमस्टिक ट्री कहते हैं. भारत में ज्यादातर लोग सहजन की फली को सब्जी व अन्य प्रकार के भोजन के रुप में इस्तेमाल करते हैं.
सहजन के पेड़ की खासीयत यह है की इसका पेड़ कहीं भी आसानी से लग जाता है और इसे बहुत अधिक पानी की जरूरत नहीं होती. इसके साथ ही यह काफी तेज़ी से बढ़ता है. भारतीयों के लिए गर्व की बात है कि यह मूल उत्तर भारत से ही दुनिया भर में फैला है, भोजन और उपचार के लिए अतिरिक्त सहजन का प्रयोग पानी साफ करने और हाथ धुलने के लिए भी किया जा सकता है.
सहजन के फायदे (Benefits of Drumstick)
सहजन की पत्ती (Drumstick Leave) - इसकी पत्तियों में प्रोटीन विटामिन - बी 6, विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन ई, आयरन, मैग्नीशियम पोटेशियम, जिंक जैसे तत्व पाये जाते हैं, इसकी फली में विटामिन ई और सहजन की पत्ती में कैल्शियम प्रचुर मात्रा में पाये जाते है. सहजन में एंटी ओग्सिडेंट बायोएक्टिव प्लांट कंपाउंड होते हैं, यह पत्तियां प्रोटीन का भी अच्छा स्त्रोत है. एक कप पानी में 2 ग्राम प्रोटीन होता है, यह प्रोटीन किसी भी प्रकार से मांसाहारी स्रोत से मिले प्रोटीन से कम नहीं है क्योंकि इसने सभी आवश्यक एमिनों एसिड पाए जाते है.
दूध पिलाने वाली माताओं के लिए सहजन अतयंत लाभकारी है (Drumstick is very beneficial for lactating mothers)
सहजन की पत्ती में घी को गर्म करके प्रसूता स्त्री को दिए जाने का पुराना रिवाज है, इससे दूध की कमीं नहीं होती और जन्म के बाद भी कमजोरी व थकान आदि का भी निवारण होता है. बच्चों का स्वास्थ्य सही रहता है और वजन बढ़ता है. सहजन में पाये जाने वाला पर्याप्त कैल्शियम किसी भी अन्य कैल्शियम सप्लीमेंट से कई गुना अच्छा है.
यह ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्राल लेवल संतुलित करता है (It balances blood sugar label and cholesterol level)
यह हाई ब्लड शुगर लेवल को कम करता है, कोलेस्ट्राल कम करने की वजह से यह हदय के लिए अच्छा है.
हदय रोग, मेरा घोलिक डिस आर्डर जैसे डायबिटिज (Heart disease, diabetes like my Gholic disorder)
इन्सुलिन रेजिस्टेंस आदि की वजह से होने वाली जलन और सूजन से सहजन राहत दिलाता है, सहजन की पत्ती की अतिरिक्त इसकी फली फूल बीज में भी यह गुण पाये जाते हैं. सहजन की सब्जी खाने से भी यह लाभ उठाये जा सकते है.
सहजन कैन्सर प्रतिरोधी है (Drumstick is cancer resistant)
इसमें Kaempferol, Querecetin, Rdanmnetion जैसे एंटी ऑक्सिडेंट त्तव पाए जाते हैं यह स्कीन लीवर फेफड़े और गर्भाश्य के कैंसर होने से सुरक्षा करता है.
किडनी स्टोन की समस्या में सहजन कारगर है (Drumstick is effective in kidney stone problem)
यह किडनी में जमें आवश्यक कैल्शियम को शरीर से बाहर निकालता है, इससे स्टोन नहीं बनना और यह किडनी स्टोन से होने वाले दर्द और जलन को भी कम करता है.
सहजन के फूलो की चाय (Drumstick flower tea)
मोनिंगा फ्लावर न्यूट्रीशनल गुणों से भरपूर है, यह चाय यूरिन इन्फैक्शन, सर्दी जुकाम ठीक रहती है, सहजन के फूलों को सलाद के रूप में भी सेवन किया जाता है.
यह अनिद्रा हाइपरटेंशन, एनिमिया आंत का अल्सर भी ठीक करता है और घाव जल्दी भरता है, दिमागी स्वास्थ्य के लिए सहजन लाजवाब है.
सहजन के बीजों से पानी साफ करना (Purifying water with drumstick seeds)
सहजन पानी साफ करने में भी कारगार है, जिसका सर्दियों में प्रयोग होता है, इसके बीजों को कूटकर पानी में मिलाने से हानिकारक शैवाल और प्रदुषक तत्व अलग हो जाते हैं.
सहजन जानवरों के लिए चारा के रूप में -यह जानवरों के लिए चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है. दूध देने वाले जानवर अधिक दूध देते है और मांस के लिए पाये जाने वाले मवेशी खूब स्वस्थ रहते है.
सहजन का तेल (BEN OIL) : यह ज्यादा दिनों तक रखने से उड़ जाती है इसलिए इसका प्रयोग समय के अनुसार किया जाता है. यह बेन आयल कभी खराब नहीं होती, यह अमुमन मिठी होती है और इसमें कोई खुशबू नहीं होती. अतः यह परफ्यूम बनाने में उपयोग किया जाता है.
कई स्कीन रोगों में सहजन का उपयोग :- सहजन का उपयोग करके स्किन रोगों में लाभ प्राप्त किया जा सकता है. सहजन का तेल सोरायसिस, एक्जिमा रोग में लगाने से ल्राभ होता है. बीजो का यह तेल एम्ने और ब्लैकहेड्स की समस्या में चेहरे पर लगायें. स्किन के लिये उपयोगी विटामिनों, एंटी ओक्सिडेंट गुणों से भरपूर यह तेल चेहरे की झुरियों और महीन लकीरें दूर करता है.
सहजन एक बढ़िया हेयर टानिक है (Drumstick is a great hair tonic)
सहजन का जिंक, विटामिन और एमीनों एडिस मिलकर कैराटिन बनाते हैं जो बालों के ग्रोथ के लिए बहुत आवश्यक है, सहजन की कली से मिलने वाले बीज में एक खास तेल होता है जिसे (बेन ऑयल) कहते हैं. यह तेल बाल लम्बे और घने रखता है और बाल झड़ने की परेशानी दूर करता है. अतः सहजन की सब्जी, जूस, पाउडर किसी भी रूप में इसका सेवन करकें लाभ प्राप्त करें.
सहजन की फली :- सहजन की फली और पत्ती का सूप पीने या दाल में सहजन की पत्ती मिलाकर बनाने से बदलते मौसम के असर से बचाव होता है, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर ऐसे मौसम में होने वाले सर्दी जुकाम होने से रोकता है.
सहजन पेट की समस्याओं के लिए :- यह पेट की समस्याओं के लिए कारगार है, सहजन हल्का रेचक है अतः यह पेट साफ करता है, फाईबर की वजह से यह कब्ज दूर करता है. पेट के कीड़े और जीवाणुओं से भी सहजन मुक्ति दिलाता है, इसकी जड़ का पाउडर पेट में पाये जाने वाले राउंड वार्म (हेल्मिनट्न वॉर्न) को खत्म करता है.
सहजन के फूलो की चाय (Drumstick flower tea)
मोनिंगा फ्लावर न्यूट्रीशनल गुणों से भरपूर है, यह चाय यूरिन इन्फैक्शन, सर्दी जुकाम ठीक रहती है, सहजन के फूलों को सलाद के रूप में भी सेवन किया जाता है.
यह अनिद्रा हाइपरटेंशन, एनिमिया आंत का अल्सर भी ठीक करता है और घाव जल्दी भरता है, दिमागी स्वास्थ्य के लिए सहजन लाजवाब है.
सहजन के बीजों से पानी साफ करना (Purifying water with drumstick seeds)
सहजन पानी साफ करने में भी कारगार है, जिसका सर्दियों में प्रयोग होता है, इसके बीजों को कूटकर पानी में मिलाने से हानिकारक शैवाल और प्रदुषक तत्व अलग हो जाते हैं.
लेखक:
ललित कुमार वर्मा, बी.एस.असाटी
पं. किशोरी लाल शुक्ला, उद्यानिकी महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, राजनांदगांव (छ.ग.)
जिम्मी (पत्रकार कृषि जागरण) के द्वारा एडिट