Dairy Farming: डेयरी फार्मिंग के लिए 42 लाख रुपये तक के लोन पर 33% तक की सब्सिडी, जानें पात्रता और आवेदन प्रक्रिया PM Kisan Yojana Alert: जिन किसानों का नाम लिस्ट से हटा, आप भी उनमें तो नहीं? अभी करें स्टेटस चेक Success Story: सॉफ्टवेयर इंजीनियर से सफल गौपालक बने असीम रावत, सालाना टर्नओवर पहुंचा 10 करोड़ रुपये से अधिक! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 25 February, 2020 10:58 AM IST
Poultry Farming

भारतीय बाजारों में पोल्ट्री उद्योग (Poultry industry) एक बेहतर रोजगार देने वाला विकल्प है. इस उद्योग से कई परिवारों की आजीविका जुड़ी हुई है. भारतीय पोल्ट्री उद्योग में ग्रामीण पोल्ट्री क्षेत्र का भी अहम योगदान है. इस उद्योग से कोई भी व्यक्ति अच्छा मुनाफ़ा कमा सकता है, लेकिन इस  उद्योग पर एक बड़ा संकट आ गया है. दरअसल भारतीय बाजारों में अमेरिकी चिकन लेग पीस (American Chicken leg piece) के आने की आशंका है. इससे घरेलू पोल्ट्री उद्योग में डर पैदा हो गया है कि अगर पोल्ट्री बाजारों में अमेरिकी चिकन लेग पीस के लिए दरवाजे खुले, तो ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 2 करोड़ लोगों के रोजगार पर बड़ा संकट आ जाएगा.

पोल्ट्री फार्म मालिकों ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया (Poultry Federation of India) ने पीएम मोदी (PM Modi) को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी मुश्किलें गिनाई हैं. उनका कहना है कि घरेलू पोल्ट्री उद्योग किसानों की अतिरिक्त आय का एक बड़ा स्रोत है. इसके लिए उन्हें मदद की आवश्यकता है, ताकि वह ठीक से फलफूल सकें. उनका कहना है कि अमेरिका में चिकन लेग पीस बहुत कम उपयोग किया जाता है, इसलिए अमेरिका उसको भारत में पहुंचाना चाहता है, लेकिन इससे घरेलू पोल्ट्री उद्योग को काफी नुकसान होगा.

उद्योग में घाटा

अगर भारत ने अमेरिका के दबाव में किसी तरह के आयात शुल्क में कमी की, तो घरेलू पोल्ट्री उद्योग को बहुत नुकसान होगा. इस वक्त सरकार को सीमांत और लघु किसानों के हित में कदम उठाना चाहिए. उनका मानना है कि पोल्ट्री उद्योग को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है. ऐसे में अगर सरकार ने आयात खोल दिया, तो यह पोल्ट्री उद्योग के साथ नाइंसाफी होगी. पत्र में लिखा गया है कि देश में लगभग 50 लाख से ज्यादा पोल्ट्री फार्म हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लगभग 2 करोड़ लोगों का रोजगार जुड़ा है.

कच्चे मालों का मूल्य छू रहा आसमान

पोल्ट्री उद्योग में इस्तेमाल होने वाले जरूरी कच्चे मालों का मूल्य भी आसमान छू रहा है, जिससे पूरा कारोबार घाटे में चल रहा है. किसान अपना लोन तक नहीं चुका पा रहा है. बता दें कि पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाले मक्का, सोयाबीन, डीओसी, चावल के टुकड़े, बाजरा और कई अन्य पदार्थों के दामों में काफी बढ़ोत्तरी हुई है. यही वजह है कि छोटे किसान लगातार घाटे में चल रहे हैं. ऐसे में उन्हें उबारने के लिए सरकार को कुछ कारगर कदम उठाने चाहिए.

उद्योग को चाहिए सरकार की मदद

पोल्ट्री फेडरेशन ने पीएम मोदी को लिखा है कि यह उद्योग कई मुश्किलों का सामना कर रहा है. ऐसे में इस उद्योग को सरकार से वित्तीय मदद की आवश्यकता है. इसके अलावा इस उद्योग से जु़ड़े ब्रायलर, लेयर, हैचरी, फीड बनाने औऱ प्रोसेसिंग के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी की भी जरूरत है.

English Summary: poultry industry will be affected by the arrival of american chicken leg pieces in indian markets
Published on: 25 February 2020, 11:02 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now