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 GM फसलों की खेती पर लगी रोक हटाने के लिए PM को लिखा पत्र, एक बार फिर आंदोलन के मूड में किसान

जीएम फसल पर ली रोक के फैसले के लिए सरकार के विरोध में एक बार फिर से किसान आंदोलन की शुरूुआत करने जा रहे हैं.

लोकेश निरवाल
जीएम
किसान अनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों (GM Crops)

देश में किसान संगठन एक बार फिर से सरकार के विरुद्ध आंदोलन करने की तैयारी में है. इस बार किसान अनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों (GM Crops)  की खेती से रोक हटाने की मांग को लेकर आगे बढ़ने के बारे में विचार कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के द्वारा लगाई गई GM  फसलों की खेती पर रोक के फैसले को वापस लेना होगा.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के शेतकारी किसान संगठन ने इस बात को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके है. उनका कहना है कि अगर सरकार की तरफ से इस मामले को लेकर कुछ जवाब नहीं आता है, तो वह गुरुवार से ही आंदोलन की शुरुआत कर देंगे.

क्या है जीएम (what is GM)

जीएम को अगर हम सीधे और सरल भाषा में कहें, तो यह एक जैविक तरीके और कृत्रिम तरीके से बनाई गई फसल का एक बीज होता है. यह जैविक बीज साधारण बीज से कहीं ज्यादा उत्पादकता करते है. एक सर्वे के अनुसार यह पनपे संकर बीज से भी ज्यादा में उत्पादन देने में सफल होते हैं.

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र (letter to prime minister)

17 जनवरी को स्वतंत्र भारत पार्टी के अध्यक्ष अनिल घनवत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि जीएम फसलों पर लगी रोक को 16 फरवरी तक हटा लिया जाए. यह हम सब किसानों की मांग है, लेकिन पत्र लिखने के इतने दिन बाद भी सरकार की ओर से अब तक न कोई जवाब आया है और ना ही इस विषय में कोई कार्रवाई की गई है.

अब हमारे पास आंदोलन शुरू करने के अलावा और कोई रास्ता शेष नहीं रह जाता है. किसान संगठन ने बताया कि किसानों के द्वारा गुरूवार को अगदनगर जिले के श्रीगोंडा में अवैध बीटी बैंगन की रोपाई शुरू की जाएगी.

शेतकारी किसान संगठन की मांग (Demand for Shetkari Farmer Organization)

शेतकारी किसान संगठन का कहना है कि सरकार को किसानों की भलाई के लिए यह घोषणा करनी चाहिए कि जीएम कपास का मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. उन्हें यह भी कहना चाहिए की देश में व्यावसायिक खेती करने के लिए जीएम कपास को मंजूरी दी है.

इसके अलावा संगठन ने यह भी बताया कि पिछले साल राज्यसभा में पर्यावरण मंत्रालय की और से यह बताया गया था कि जीएम कपास की खेती से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और पक्षियों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है. यह सब होने के बाद भी सरकार किसानों को जीएम फसलों की खेती करने से क्यों रोक रही है. सरकार को तुरंत अपने फैसले को वापस लेना चाहिए.

एक जानकारी के मुताबिक, भारत में जीएम बीजों का करोड़ों का बाजार उपलब्ध है. ऐसे में सरकार को जीएम की कालाबाजारी की कई शिकायतें मिलती रहती है. इसके लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने का भी आदेश दिया है. जीएम भ्रष्टाचारी में पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.

English Summary: Once again the beginning of the farmers' movement, the government should withdraw the ban on GM crops Published on: 17 February 2022, 04:41 PM IST

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