1. Home
  2. ख़बरें

केरल के पान समेत चार उत्पादों को मिला जीआई टैग

देश में केरल के पान, तमिलनाडु राज्य के पालनी शहर के पलानी पंचामिर्थम, उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम के तल्लोहपुआन और मिजोपुआनचेई और के तिरूर के पान के पत्ते को जीआई टैग प्रदान करके उनको पंजीकृत कर लिया गया है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अनुसार उसने हाल ही में चार तरह के नए भौगोलिक संकेतकों को पंजीकृत किया है. दरअसल जीआई टैग की पहचान उन उत्पादों को दी जाती है जो कि किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में ही पाए जाते है और उनमें वहां की स्थानीय खूबियां मौजूद होती है.

किशन

देश में केरल के पान, तमिलनाडु राज्य के पालनी शहर के पलानी पंचामिर्थम, उत्तर पूर्वी राज्य मिजोरम के तल्लोहपुआन और मिजोपुआनचेई और के तिरूर के पान के पत्ते को जीआई टैग प्रदान करके उनको पंजीकृत कर लिया गया है. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के अनुसार उसने हाल ही में चार तरह के नए भौगोलिक संकेतकों को पंजीकृत किया है. दरअसल जीआई टैग की पहचान उन उत्पादों को दी जाती है जो कि किसी विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र में ही पाए जाते है और उनमें वहां की स्थानीय खूबियां मौजूद होती है.

विशेष पहचान वाले उत्पादों को जीआई टैग:

दरअसल जीआई टैग के लग जाने के बाद उस उत्पाद की विशेष पहचान बन जाती है. जीआई टैग के किसी भी उत्पाद को खरीदने के समय ग्राहक उसकी विशिष्टता एवं गुणवत्ता को लेकर काफी ज्यादा आश्वस्त रहते है. जीआई टैग वाले उत्पादों से दूरदराज के क्षेत्रों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था लाभान्वित होती है. क्योंकि इससे कारीगरों, किसानों, शिल्पकारों और बुनकरों की आमदनी में बेहतर इजाफा होता है.

geographical indication

यह है उत्पादों की अलग-अलग खासियत:

तमिलनाडु के डिंडीगुले जिले के पलानी शहर की पलानी पहाडियों में स्थित अरूमिलुग धान्यथुपानी स्वामी मंदिर के पीठासीन देवता भागवानधान्दयुथापनी स्वामी के अभिषेक से जुड़े प्रसाद पालानीपंचामिर्थम कहा जाता है.इस पवित्र प्रसाद को एक निश्चित अनुपात में पांच प्राकृतिक पदार्थ ( केला, गुड़, चीनी, गाय के घी, शहद और इलायची) को मिलाकर बनाया जाता है. बता दें कि पहली बार तमिलनाडु के किसी मंदिर के प्रसाद को जीआई टैग प्रदान किया गया है.

मिजोरम का आकर्षक वस्त्र:

तवलोहपुहान मिजोरम राज्य में एक भारी, मजबूत और उत्कृष्ट वस्त्र है जो कि तने हुए धागे, बुनाई और जटिल डिजाइन के लिए माना जाता है. इसको हाथ के सहारे बुना जाता है. मिजो भाषा में तवतोह का मतलब होता है एक ऐसी मजबूत चीज जिसको पीछे नहीं खींचा जा सकता है. मिजो समाज में तवलोहपुआन का विशेष महत्व होता है और इसको पूरे मिजोरम राज्य में तैयार किया जाता है. यहां की राजधानी आईजोल और थेनजोल शहर इसके उत्पादन के मुख्य केंद्र है. वही मिजोरम का ही मिजोपुआनचेई एक तरह की रंगीन वस्त्र माना जाता है. मिजोरम की प्रत्येक महिला का यह एक अनिवार्य वस्त्र है. यह राज्य में शादी समारोह में पहना जाने वाला महत्वपूर्ण वस्त्र है.

English Summary: Now these four products got GI tag in the country Published on: 22 August 2019, 01:55 PM IST

Like this article?

Hey! I am किशन. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News