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Chhath Puja 2022: छठ पर घर जानें के लिए इन ट्रेनों में कर सकते हैं सफ़र, यहां देखें लिस्ट

छठ मनाने देश के अलग-अलग शहरों से अपने घर-गांव लौट रहे लोगों को स्पेशल ट्रेनों के परिचालन से काफ़ी राहत मिल रही है.

मोहम्मद समीर
छठ पूजा के लिए चलाई जा रही हैं विशेष ट्रेनें
छठ पूजा के लिए चलाई जा रही हैं विशेष ट्रेनें

लोक आस्था के महापर्व छठ के मद्देनज़र भारतीय रेलवे (INDIAN RAILWAYS) श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 124 पूजा स्पेशल ट्रेनों को चला रही है. रेलवे ने ये संख्या और बढ़ा दी है अब 6 और ट्रेनें चलेंगी. छठ मनाने देश के अलग-अलग शहरों से अपने घर-गांव लौट रहे लोगों को इन स्पेशल ट्रेनों के परिचालन से काफ़ी राहत मिल रही है.

ये हैं वो छठ स्पेशल 6 ट्रेनें-

ट्रेन नं. 09817 कोटा-दानापुर पूजा स्पेशल कोटा से दिनांक 31 अक्टूबर एवं 05 नवंबर 2022 को कोटा से 18:40 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 20:00 बजे दानापुर पहुंचेगी.

ट्रेन नं. 09818 दानापुर-कोटा पूजा स्पेशल दानापुर से 01 एवं 06 नवंबर 2022 को 21:30 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 02:00 बजे कोटा पहुंचेगी.

ट्रेन नं. 06549 यशवंतपुर-दानापुर पूजा स्पेशल यशवतंपुर से 29 अक्टूबर एवं 05 नवंबर 2022 को 08:00 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 08:00 बजे दानापुर पहुंचेगी.

ट्रेन नं. 06550 दानापुर-यशवंतपुर पूजा स्पेशल दानापुर से 31 अक्टूबर एवं 07 नवंबर 2022 को 17:10 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 13:30 बजे यशवंतपुर पहुंचेगी.

ट्रेन नं. 05553 सहरसा-अमृतसर अनारक्षित छठ स्पेशल सहरसा से दिनांक 03 नवंबर 2022 को 09:20 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 18:30 बजे अमृतसर पहुंचेगी.

ट्रेन नं. 04074 दिल्ली-दरभंगा पूजा स्पेशल दिल्ली से दिनांक 31 अक्टूबर 2022 को 16:00 बजे प्रस्थान कर अगले दिन 18:30 बजे दरभंगा पहुंचेगी.

ये भी पढ़ें- सबसे पहले किसने रखा छठ व्रत, बांस के बने सूप का क्यों होता है इस्तेमाल

इस साल छठ की शुरूआत 28 अक्टूबर को हुई और 31 तारीख़ को इस पर्व का समापन होगा. छठ महापर्व कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. सबसे ख़ास माने जाने वाले इस व्रत में 36 घंटे तक निर्जला रहना होता है. यह व्रत संतान के लिए रखा जाता है. छठ पूजा के दिन षष्ठी मैया व सूर्यदेव की पूजा-अर्चना की जाती है.

ये है छठ पूजा का क्रम-

नहाय-खाय ( पहला दिन):

पहले दिन यानि नहाय-खाय से छठ पूजा की शुरूआत होती है. नहाय खाय के दिन व्रत रखने से पहले बस एक ही बार खाना होता है. उसके बाद नदी में स्नान करना होता है. इस बार नहाय-खाय 28 अक्टूबर को था.

खरना (दूसरा दिन):

छठ महापर्व के दूसरे दिन को खरना नाम से जाना जाता है. खरना के दिन सूरज निकलने (Sunrise) से लेकर सूरज डूबने (Sunset) तक महिलाएं व्रत रखती हैं. सूर्यास्त के तुरंत बाद व्रत तोड़ा जाता है फिर पकवान बनाया जाता है. भोजन तैयार होने के बाद सूर्य को भोग लगाया जाता है. छठ पर्व का तीसरा दिन दूसरे दिन के प्रसाद के बाद ही शुरू हो जाता है. खरना यानि दूसरा दिन 29 अक्टूबर को है.

अर्घ्य (तीसरा दिन):

तीसरे दिन यानि अर्घ्य के दिन को छठ पूजा में सबसे अहम माना जाता है. इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस के सूप को चावल के लड्डूफलठेकुआ वग़ैरह से सजाया जाता है. व्रती सपरिवार सूर्व भगवान को अर्घ्य देता है. इस दिन डूबते हुए सूरज की अराधना होती है.  सूर्यदेव को अर्घ्य देने की परम्परा सदियों से चली आ रही है. पहला अर्घ्य इस बार 30 अक्टूबर को है.

उषा अर्घ्य (चौथा दिन):

36 घंटे व्रत के बाद यह अर्घ्य उगते हुए सूरज को दिया जाता है. उषा अर्घ्य 31 अक्टूबर को छठ के अंतिम दिन होता है. ये छठ का आख़िरी दिन है. इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 6 बजकर 31 मिनट होगा.

English Summary: indian railways running chhath puja special trains Published on: 29 October 2022, 03:16 PM IST

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