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गेहूं, धान और सरसों की इन किस्मों से किसान प्राप्त कर सकते हैं बेहतर उपज, जानें नाम और उत्पादन क्षमता

आज हम आपको गेहूं, अरहर, धान और सरसों की उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं. इन उन्नत किस्मों के माध्यम से किसानों की फसल पैदावार में तो वृद्धि हुई ही है, साथ ही अनाजों की गुणवत्ता में भी सुधार आया है.

प्रबोध अवस्थी
improved varieties of mustard
improved varieties of mustard

किसानों के लिए सबसे जरूरी है फसल की अच्छी पैदावार. वहीं, इस आधुनिक युग में फसलों के बीजों को कृत्रिम रूप से बदल कर उनसे ज्यादा पैदावार को प्राप्त किया जा रहा है. इन उन्नत फसलों में केवल अनाज ही नहीं, बल्कि सब्जियां, दालें और मिलेट्स भी शामिल हैं. बढ़ती जनसंख्या की खाद्य पूर्ती के लिए ये उन्नत किस्में एक बड़ी क्रांति हैं.

आज हम आपको कुछ खास फसलों की उन्नत किस्मों के बार में बताने जा रहे हैं. इन फसलों में गेहूं, अरहर, धान और सरसों शामिल है.

गेहूं की उन्नत किस्में

कल्याण सोना और आरआर21 किस्मों से गेहूं की तीन किस्में, कुदरत 5 , कुदरत 9 , कुदरत 17 विकसित की गईं . कुदरत 9 , कुदरत 5 और कुदरत 17 के पौधे की ऊंचाई क्रमशः 85-90 सेमी, 95-100 सेमी और 90-95 सेमी है, जबकि स्पाइक्स की लंबाई 9 सेमी, 6 सेमी और 10 सेमी है, 1000 बीजों का वजन 70 सेमी है -72 ग्राम, 58-60 ग्राम, 60-62 ग्राम तथा प्रति एकड़ उपज क्रमशः 20-25 क्विंटल, 15-20 क्विंटल तथा 22-27 क्विंटल होती है.

धान की उन्नत किस्में

धान की तीन किस्में कुदरत 1 , कुदरत 2 और लाल बासमती एचयूवीआर-2-1 और पूसा बासमती किस्मों से विकसित की गईं. कुदरत 1 , कुदरत 2 और लाल बासमती किस्मों के पकने के दिनों की संख्या क्रमशः 130-135 दिन, 115-120 दिन और 90-100 दिन है, जबकि प्रत्येक की प्रति एकड़ उपज (क्रम में उल्लिखित) 25-30 क्विंटल, 20-22 क्विंटल और 15-17 क्विंटल है. धान की किस्मों में बालियां देने वाले टिलर और प्रति बाली बीज की संख्या अधिक होती है.

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अरहर की उन्नत किस्में

आशा और मालवीय 13 किस्मों से अरहर की तीन किस्में, कुदरत 3 , चमत्कार , करिश्मा विकसित की गईं . कुदरत 3 एक बारहमासी किस्म है जबकि अन्य दो वार्षिक हैं. कुदरत 3 , चमत्कार और करिश्मा के मामलों में प्रति पौधा फलियों की संख्या क्रमशः 500-1000, 400-600 और 450-650 है, जबकि प्रति एकड़ उपज क्रमशः 12-15 क्विंटल, 10-12 क्विंटल और 10-12 क्विंटल है. इन किस्मों में मोटे बीज, मजबूत तना और प्रति पौधे अधिक संख्या में फलियां होती हैं.

सरसों की उन्नत किस्में

सरसों की तीन किस्में अर्थात. कुदरत वंदना, कुदरत गीता, कुदरत सोनी को उनके द्वारा सरल चयन का उपयोग करके विकसित किया गया है. किस्मों की औसत बीज उपज क्रमशः 1430.52 किलोग्राम/हेक्टेयर, 1405.24 किलोग्राम/हेक्टेयर और 742.23 किलोग्राम/हेक्टेयर है जिसमें औसत तेल सामग्री क्रमशः 42.30 प्रतिशत, 39.00 प्रतिशत और 35.50 प्रतिशत है.

कुदरत वंदना की विशेष विशेषताएं प्रति फली में बीजों की अधिक संख्या और उच्च तेल सामग्री है, जबकि कुदरत गीता और कुदरत सोनी दोनों के लिए , यह गुच्छेदार फली और बोल्ड बीज की घटना है. सरसों की किस्मों का मूल्यांकन एनआरसीआरएम, भरतपुर में किया गया है.

English Summary: improved varieties of wheat mustard pigeon pea and paddy yields and benefits to farmers Published on: 04 November 2023, 05:42 PM IST

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