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स्वप्न सुंदरी

था मेरा स्वप्न बड़ा ही सुंदर ही जिस जगह तुम निखर रही थी सांसों में थी तुम सुगंधित बाजुओं में बिखर रही थी बड़ी ही जालिम थी निगाहें