नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 3 August, 2021 3:32 PM IST
Live Interview

वर्तमान समय में अब शिक्षित युवा भी कृषि क्षेत्र में होने वाले लाभ के मद्देनजर अपना रुख कृषि व्यवसाय की तरफ मोड़ रहें हैं. और इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए कई प्रकार की नई-नई योजनाएं भी बना रहे हैं, ताकि भविष्य में इससे ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित हुआ जा सके.

 उन्हीं में से एक व्यवसाय मधुमक्खी पालन व्यवसाय भी है. इस व्यवसाय से जुड़कर लाख लोग लाभान्वित हो रहें हैं. बता दें कि मधुमक्खी पालन व्यवसाय कम लागत का व्यवसाय है. यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिसे समाज के हर वर्ग के लोग कम से कम लागत में शुरुआत कर अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

इसी क्रम में युवा किसान संदीप जाटान जोकि हरियाणा, जिला - करनाल के रहने वाले हैं, वह भी मधुमक्खी पालन कर लाभान्वित होने के साथ ही अन्य युवाओं के लिए मिसाल पेश कर रहे हैं. संदीप जटैन नेचुरल हनी (Jatain Natural Honey) ब्रांड से अपने हनी को मार्केट में सेल करते हैं. ऐसे में आइये जानते हैं संदीप जाटान की सफलता की कहानी-

मधुमक्खी पालन की शुरुआत (Beginning of beekeeping)

करनाल के गाँव खानपुर के रहने वाले संदीप के पिता ने 1994 में मधुमक्खी पालन व्यवसाय को शुरू किया था. जिसके बाद संदीप ने भी इस व्यवसाय को अपना लिया और तब से वह मधुमक्खी पालन कर रहे हैं. वह बताते हैं कि वर्त्तमान समय में उनके पास 4500 बॉक्स हैं और उन्हें बेस्ट बी-कीपिंग अवार्ड से भी नवाज़ा जा चुका है. इसके साथ ही वे बी ब्रीडर (Bee Breeder) भी हैं.

मधुमक्खी पालन किस सीजन में करते हैं? (Which season do you prefer for beekeeping?)

संदीप जाटान ने बताया कि वे सीजन के हिसाब से अपने मधुमक्खी पालन बिजनेस को स्टेट वाइज माइग्रेट करते रहते हैं. गर्मियों में वे हिमाचल, जम्मू-कश्मीर में ये पालन करते हैं. इस सीजन में उनकी मक्खी सेब पर पोलीनेशन के लिए भी चली जाती हैं और कुछ किसान मधुमक्खीयों को पॉलिनेशन (पौधों में पराग कण का नर-भाग से मादा-भाग पर स्थानातरण परागण (Pollination) कहलाता है.) के लिए किराये पर भी लेते हैं और इसके लिए 800 से 900 रुपए प्रति बॉक्स पर किराया मिलता है और सर्दियों में राजस्थान, मध्यप्रदेश में वहां हमें सरसों के अलावा, कई छोटी -छोटी फसलें मिल जाती है जिससे हनी का अच्छा उत्पादन होता है.

मधुमक्खी पालन में लागत (Investment in beekeeping)

संदीप के अनुसार इस पालन की शुरुआत हम लगभग 50 हजार रुपए से भी कर सकते हैं. अगर हम मधुमक्खी पालन बिजनेस को अक्टूबर या नवंबर में शुरू करते हैं और जितना हमने इस पर निवेश किया है वो सारा नवंबर-दिसंबर में पूरा हो जाता है. दरअसल जितना लगाया होता है, उतने तक की कमाई हो जाती है. क्योंकि वर्तमान में हनी की डिमांड ज्यादा होने की वजह से मार्किट में प्राइस रेट भी अच्छा है. इससे आप 2 महीने में ही लागत जितनी कमाई कर लेंगे और जैसे-जैसे समय बढ़ेगा,मुनाफा भी बढ़ता जायेगा. 

Bee Keeper

मधुमक्खी पालन में होनी वाली समस्याएं (Problems in beekeeping)

मधुमक्खी पालन को शुरू करने पर सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि इसे माइग्रेट करने के लिए घर से दूर रहना पड़ता है. दूसरी जगह में जाकर पालन के लिए सही जगह का निरक्षण करना पड़ता है. क्योंकि इससे ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए माइग्रेट करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा, मधुमक्खी पालन में चोरी की भी समस्या आती है. कई बार लोग बॉक्स चोरी कर के बाजार में बेच देते हैं, इसलिए सतर्क रहना पड़ता है.

मधुमक्खी पालन पर सब्सिडी (Subsidy on beekeeping)

यदि आप मधुमक्खी पालन बिजनेस को शुरू करना चाहते हैं, तो किसी भी ट्रेनिंग सेंटर या केवीके से ट्रेनिंग लेकर के खादी या नाबार्ड के जरिये इस पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए अप्लाई करते हैं, तो सरकार द्वारा जनरल श्रेणी के उम्मीदवार को 25 फीसद सब्सिडी दी जाती है, अनुसूचित जाति वालों को 35 फीसद और महिला वर्ग को 40 फीसद सब्सिडी दी जाती है.

संदीप के मुताबिक, मधुमक्खी पालन बिजनेस को छोटे स्तर पर शुरू करके आगे चलकर इस बिजनेस को बड़े स्तर पर किया जा सकता है, ताकि भविष्य में इस बिजनेस से मोटी कमाई की जा सकें. संदीप के मुताबिक, कोरोना की वजह से कई बिजनेस ठप हो गये,  लेकिन मधुमक्खी पालन बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ा, बल्कि इसकी डिमांड और बढ़ी है. संदीप ने बताया कि हम अपने फार्म पर प्रैक्टिकल ट्रेंनिंग और बी बॉक्स भी देते हैं और ट्रेनी को काम करने के बदले कुछ पैसा रहना खाना भी दिया जाता हैं.

आपको संदीप जाटान की सफलता की कहानी कैसी लगी, कॉमेंट करके जरूर बताएं. इसके अलावा, कृषि क्षेत्र से संबंधित ताजातरीन जानकारी प्राप्त करने के लिए कृषि जागरण हिन्दी पोर्टल को पढ़ते रहिए.

English Summary: Young farmer Sandeep set an example with the help of beekeeping, read success story
Published on: 03 August 2021, 03:39 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now