नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 5 February, 2019 2:29 PM IST
Multicroping

आज हम बात कर रहे हैं ऐसे ही सफल किसान ननकऊ राजपूत के बारे में, जिन्होंने अपने खेत में दो फसलों की खेती कर मुनाफा कमाया है. वह उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले है. उन्होंने बिल्कुल भी पढ़ाई नहीं की, फिर भी उनको कृषि क्षेत्र का बहुत ज्ञान है. उनके पिता भी किसान थे जिनको देखते हुए उनकी भी दिलचस्पी कृषि में बन गई.

बचपन से उनके अंदर कुछ अलग कर दिखाने का जज़्बा था जिसको उन्होंने अपनी कृषि में अपनाया. उन्होंने अपने खेतों में हरे मटर और कद्दू की खेती करने का विचार बनाया क्योंकि मटर की खेती बहुत अधिक मात्रा में हमारे देश के कई बड़े राज्यों में की जाती है. मटर की खेती करने वाले राज्यों में उत्तरप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा आदि राज्य आते हैं.

ननकऊ बताते हैं कि वह मटर की खेती के साथ कद्दू की भी खेती करते है. मटर की खेती में 12 फ़ीट के अंतराल पर एक नाली बनाई जाती है. जिसके बीच वह कद्दू की बुवाई करते है. मटर की खेती ठंडे मौसम में की जाती है जैसे अक्टूबर के बीच में या फिर नवंबर के पहले हफ्ते में की जाती है. वह बताते है कि कभी बेमौसम बरसात हो जाने की वजह से हमारी पूरी फसल ख़राब हो जाती थी. जिस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता था इसलिए उन्होंने दोहरी फसल की खेती करने का सोचा. उन्होंने मटर के साथ कद्दू की भी खेती शुरू कर दी, जिससे काफी अधिक लाभ होने लगा. फिर वह हर साल हरी मटर के साथ कद्दू की खेती करने लगे. 

यह खबर भी पढ़ें : Vegetable Farming: इस महीने में उगाएं ये सब्जियां, होगा बंपर मुनाफा

मटर के साथ ही वह कद्दू की भी बुवाई करते हैं. मटर की फसल फरवरी तक पकने लग जाती है. जिसके बाद  दिसंबर और जनवरी की ज्यादा ठंड में कद्दू के पौधे बढ़ते नहीं है. मार्च  में मटर खत्म हो जाता है और तब तापमान भी गर्म होने लगता है और इस गर्म तापमान कि वजह से कद्दू के पौधे में विकास होना शुरू हो जाता है.

एक एकड़ खेत में मटर की फलियों से करीब 70 से 80 कुंतल तक का उत्पादन प्राप्त होता है. कद्दू से  एक एकड़ खेत में ढाई सौ से 300 कुंतल तक का उत्पादन मिलता है.मटर की फसल 60 -70 दिनों में तैयार हो जाती है. जिसमें एक एकड़ फसल में उन्हें करीब 15 -20 हजार रुपये तक की लागत आती है.मटर बाज़ारों में शुरूआती समय में दो हजार रुपए प्रति कुंतल से लेकर फरवरी में खत्म होने वाली फसल तक होती है और 700- 800 रुपये प्रति कुंतल तक बिकती है.

कद्दू की फसल का मार्च के आखिर में और अगस्त की शुरुआत में उत्पादन होता है. जो 1000- 1500 रुपये प्रति कुंतल तक बिकता है. मई के आखिर और जून की शुरुआत में कद्दू की फसल खत्म होने के समय यह 300 - 400 रुपये प्रति कुंतल तक बिकती है. इस खेती में लागत कम लगती है और मुनाफा बहुत अधिक होता है. इस खेती में आप 3 - 4 लाख रुपये तक कमा सकते है.

तो देखा आपने किस तरह आप एक एकड़ खेत में 2 फसलों की खेती कर ननकऊ राजपूत की तरह मुनाफा कमा सकते हैं.  

ऐसी ही सफल किसानों की कहानियों को जानने के लिए आप हमारी वेबसाइट से जुड़े रहे और अपनी कोई सफल कहानी हमसे शेयर करने के लिए कमेंट बॉक्स में लिखे.

English Summary: succes story of multicrop farmer
Published on: 05 February 2019, 02:32 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now