जिन बेकार फूलों को आप सब लोग बेकार समझकर फेंक देते हैं और उन्हें आप किसी काम का नहीं समझते हैं, लेकिन आज हम आपको ऐसी एक लड़की की कहानी के बारे में बताएंगे, जिसने बेकार फूलों से एक बेहतरीन बिजनेस शुरू (Start a great business with useless flowers) किया है. वह इस बिजनेस से हर महीने 1.5 लाख रुपए तक कमा रही है. इस लड़की का नाम मैत्री जरीवाला है, जिसने अपनी मेहनत से अपना खुद का एक अच्छा बिजनेस शुरू कर कई लोगों को भी नौकरी दी है.
मैत्री जरीवाला कौन है ? (Who is Maitri Jariwala Chemical?)
मैत्री जरीवाला गुजरात के सूरत शहर में रहने वाली एक साधारण लड़की है. मैत्री की आयु 22 साल है और उन्होंने केमिकल इंजीनियर की पढ़ाई की है. मैत्री बताती हैं कि उन्होंने लगभग 3 साल तक अलग-अलग संस्था के वेस्ट (कूड़ा) पर काम किया है, जिस कारण से मुझे वेस्ट प्रोडक्ट की अच्छी खासी समझ हो गई.
मैत्री प्रतिदिन सुबह अलग-अलग मंदिरों में कूड़े के ढेर में पड़े बेकार फूलों को एकत्रित करने के लिए जाती हैं. मैत्री ने बताया कि वह यह फूल एकत्रित करने का काम पिछले साल से करती आ रही हैं.
दरअसल, वह इन सब फूलों एकत्रित करके आप खुद का एक अच्छा बिजनेस चला रही हैं. इस सब फूलों को अपसाइकिल करके मैत्री साबुन, अगरबत्ती, मोमबत्ती, ठंडई, स्प्रे, वर्मीकंपोस्ट सहित 10 से ज्यादा वैरायटी के प्रोडक्ट तैयार करके बाजार में अच्छा लाभ कमा रही हैं. अपने फूलों के बिजनेस से मैत्री हर महीने करीब 1.5 लाख रुपए तक की कमाई आराम से कर रही हैं और साथ ही वह कम से कम 9 लोगों को अपने यह नौकरी पर भी रखा हुआ है.
77 हजार की लागत से शुरू किया बिजनेस (Business started at a cost of 77 thousand)
मैत्री के मुताबिक, हमारे आस-पास बेकार फूल (useless flowers) सरलता से मिल जाते हैं. जिससे आप एक अच्छा बिजनेस शुरू कर सकते हैं. जब मैंने अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद इस बिजनेस को शुरू किया तो कई लोगों ने मुझे बहुत कुछ कहां- खुद मेरे घरवालों ने भी मुझसे कहां कि इंजीनियर बेटी कूड़ा इकट्ठा करने की बजाय किसी बड़ी कंपनी में काम करें. लेकिन मैंने सब बातों को नजरअंदाज कर अपने बिजनेस को शुरू किया और अब हर महीने लाखों की कमाई आने पर सब लोग मुझे सपोर्ट कर रहे हैं. मैत्री बताती है कि कॉलेज की तरफ से मुझे 77 हजार रुपए का फंड दिया गया था, जिसे मैंने अपने बिजनेस में लगा दिया.
प्रोडक्ट को कैसे तैयार करें (how to make product)
मैत्री बताती हैं कि हम पहले एकत्रित किए गए फूलों की पत्तियों (flower leaves) को सुखाने के लिए धूप में रखते हैं. इसके बाद ग्राइंडर की सहायता से उनका एक अच्छा पाउडर तैयार कर लेते हैं. इसके बाद पाउडर से अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट तैयार करते हैं. अंत में प्रोडक्ट की लेबलिंग और पैकेजिंग की जाती है. कई बार हम बाजार की मांग के अनुसार फूलों को उबालकर उसे छानकर एक अच्छा स्प्रे, ठंडई जैसे प्रोडक्ट भी बनाते हैं, जिनकी कीमत बाजार में अच्छी होती है.
कहां ले सकते हैं ट्रेनिंग? (Where can I take training?)
अगर आप भी इंजीनियर मैत्री की तरह बेकार फूलों का अपना खुद बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको ट्रेनिंग की जरूरत पड़ेगी. यह ट्रैनिंग आप अपने नजदीकी सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिसिनल एंड एरोमैटिक प्लांट (CIMAP) में ले सकते हैं. जहां 2 से 5 दिनों का कोर्स होता है और करीब 4 हजार रुपए की फीस लगती है. इसके अलावा आप इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वेस्ट मैनेजमेंट (INTERNATIONAL INSTITUTE OF WASTE MANAGEMENT) भोपाल से भी इसकी ट्रेनिंग ले सकते हैं. इसके अलावा आप इसकी जानकारी और ट्रेनिंग सोशल मीडिया और यूट्यूब की सहायता से भी ले सकते हैं.
वेस्ट फूलों के बिजनेस में लागत और मुनाफा (Cost and Profit in Waste Flower Business)
मैत्री बताती हैं कि कोई भी व्यक्ति इस बिजनेस को 50 हजार रुपए की लागत के साथ भी शुरू कर सकता है, लेकिन अगर आप प्रोफेशनल लेवल पर फूलों का बिजनेस करते हैं, तो आपको लगभग 2 लाख रुपए तक खर्च करने होंगे, क्योंकि इसमें प्रयोग होने वाली मशीन बाजार में महंगी आती हैं. मशीनों को खरीदने के लिए सरकार की तरफ से भी मदद की जाती है, जिसकी सहायता से आप मशीनों को सरलता से खरीद सकते हैं.
जैसे कि आप सब जानते हैं कि बाजार में फूलों के वेस्ट से बने साबुन, शैम्पू, स्प्रे, अगरबत्ती, मोमबत्ती की अच्छी खासी कीमत मिलती है. मैत्री के अनुसार, अगर आप अपने बिजनेस को अच्छे से चलाते हैं, तो आप 50 से 77 हजार रुपए की लागत में 8 से 10 लाख रुपए सालाना कमा सकते हैं.