हमारे देश में लगातार जनसंख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में हर व्यक्ति के लिए बेहतर रोजगार मिल पाना काफी मुश्किल हो गया है. इसलिए अधिकतर लोग अपना खुद का व्य़वसाय करना चाहते हैं. आज हम आपको एक ऐसा व्यवसाय बताने जा रहे हैं, जिसको पूरी तरह से सरकारी व्यवसाय कहा जाता है. हर व्यक्ति घर का राशन खरीदने के लिए दुकान पर जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह दुकानें किस तरह खोली जाती हैं, इसके लिए लाइसेंस कैसे प्राप्त किया जाता है? अगर आप भी अपनी व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आप सरकारी राशन की दुकान खोल सकते हैं, जहां उचित मूल्य पर राशन उपलब्ध कराया जाता है. यह व्यवसाय आपके लिए मुनाफ़े का सौदा साबित होगा. आइए आपको राशन की दुकान के व्यवसाय संबंधी पूरी जानकारी देते हैं.
क्या है सरकारी राशन की दुकान (What is a government ration shop)
जहां राशन कार्ड धारकों को उचित मूल्य पर राशन उपलब्ध कराया जाता है, साथ ही जहां सरकार की तरफ से आवश्यक वस्तु अधिनियम धारा 3 के तहत उचित मूल्य पर आवश्यक वस्तुएं दी जाती है, वह सरकारी राशन की दुकान कही जाती हैं. इसके लिए सरकार द्वारा लाइसेंस दिया जाता है, जो कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलता है. बता दें कि सरकारी राशन की दुकान में गेंहू, चावल, दाल, चीनी समेत अन्य अनाज की कीमत तय की जाती है. इस आधार पर ही राशन वितरक अपने क्षेत्र के लोगों को राशन देता है.
राशन की दुकान कौन खोल सकता है (Who can open a ration shop)
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भारत का निवासी
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आर्थिक रूप से समर्थ
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10वीं या स्नातक की पढ़ाई होनी चाहिए. बता दें कि अलग–अलग राज्यों अपने अनुसार योग्यता मांगते हैं.
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पहले से लाइसेंस प्राप्त आवेदनकर्ता आवेदन नहीं कर सकते हैं.
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अगर व्यक्ति आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत दोषी है, तो वह इसका पात्र नहीं होगा.
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अगर किसी व्यक्ति को पहले से खाद्यान्न विभाग द्वारा खाने के तेल, चीनी, गेहूं, चावल आदि का लाइसेंस प्राप्त है, तो वह राशन की दुकान के लिए आवेदन नहीं कर सकता है.
राशन की दुकान के लिए जगह का चुनाव (Ration Shop Required Location)
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अगर राशन की दुकान किराए पर ली है, तो पूरे रेंट एग्रीमेंट के बाद ही खोलना चाहिए.
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दुकान के सामने कम से कम 15 फीट चौड़ी सड़क होनी चाहिए, ताकि लोगों को राशन लेकर जाने में परेशानी न हो.
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दुकान की ऊंचाई और चौड़ाई 3 मीटर से 5 मीटर तक रख सकते हैं.
कैसे करें लाइसेंस के लिए आवेदन (How to Apply for Ration Shop License)
ग्रामीण क्षेत्र
अगर ग्रामीण क्षेत्र में राशन की दुकान खोलना चाहते हैं, तो सबसे पहले यहां एक बैठक बुलाई जाती है. इस बैठक में राशन की दुकान खालने के उद्देश्य पर नजर डाली जाती है. अगर गांव में रहने वाले लोगों को राशन लेने के लिए दूर जाना पड़ता है, तो आप राशन की दुकान खोल सकते हैं. इसके अलावा अगर राशन वितरक के व्यवहार अच्छा से नहीं हैं, तब भी आप राशन की दुकान खोल सकते हैं.
राशन की दुकान खोलने की प्रक्रिया (Ration shop opening process)
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गांव में हुई बैठक की सहायक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर के उत्तरदायित्व में होती है. उनके सामने ही राशन की दुकान खोलने वाले लोगों के नाम दिए जाते हैं.
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इसके बाद उम्मीदवारों की योग्यता और अन्य शर्तों का सत्यापन होता हैं.
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उम्मीदवारों को ब्लॉक अधिकारी द्वारा एक फॉर्म भी दिया जाता हैं. इस फॉर्म में पूरी जानकारी भरने के साथ ज़रूरी दस्तावेज जमा करने होते हैं.
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इसके बाद सभी ज़रूरी दस्तावेज की जांच होती है, बता दें कि अगर किसी उम्मीदवार के पास किसी तरह का प्रमाण-पत्र नहीं हैं, तो वह ग्राम सरपंच या सहायक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर से संपर्क कर सकते हैं.
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चयन उम्मीदवारों के आवेदन और दस्तावेज ब्लॉक डेवलपमेंट अधिकारी के पास भेजे जाते हैं.
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इसके बाद डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर और फिर जिला मजिस्ट्रेट के पास भेजे जाते हैं.
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अगर सभी जानकारी सही पाई जाती है, तो उन्हें लाइसेंस दे दिया जाता है.
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लाइसेंस मिलने के बाद आपको सिक्यूरिटी के रूप में राज्यों के आधार और कुछ रूपए का भुगतान करना पड़ता है.
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इस तरह से ग्रामीण क्षेत्र में राशन की दुकान खोल सकते हैं.
शहरी क्षेत्र
अगर आप शहर में राशन की दुकान खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए 4 हजार यूनिट का एरिया होना चाहिए. ऐसे एरिया में सरकार द्वारा राशन की दुकान खोलने के लिए खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की जाती है. ध्यान दें कि यह अधिसूचना लोगों तक स्थानीय न्यूज़ पेपर और संबंधित विभाग की अधिकारिक वेबसाइट के जरिए पहुंचाई जाती है. इसके बाद इच्छुक लोग आवेदन कर सकते हैं.
राशन की दुकान खोलने की प्रक्रिया (Ration shop opening process)
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आप संबंधित विभाग की अधिकारिक वेबसाइट में जाकर आवेदन कर सकते हैं.
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यहां एक फॉर्म भरा जाता है, जिसका निरिक्षण होता है, जो कि सर्किल आपूर्ति निरक्षक द्वारा किया जाता है.
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इसके बाद आवेदन कर्ताओं का चयन किया जाता है, जो कि जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला मजिस्ट्रेट, अपर मजिस्ट्रेट, मुख्य विकास अधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारी करते हैं.
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जिस आवेदनकर्ता का चयन होगा, उसको आगे की जांच के लिए डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर के पास भेजा जाता है.
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यह आवेदन की जांच के साथ-साथ योग्यता और व्यवहार आदि की भी जाच करते हैं.
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फिर जिला मजिस्ट्रेट के पास आवेदन भेजा जाता हैं
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इसके बाद कहीं आवेदनकर्ता को राशन की दुकान खोलने की अनुमति दी जाती है.
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इसके लिए सिक्यूरिटी भी भरनी पड़ती है.
इस तरह से ग्रामीण और शहरी, दोनों क्षेत्र में के लोग लाइसेंस के साथ राशन की दुकान खोल सकते हैं. इसके लिए सरकार की तरफ से आमदनी भी दी जाती है. समय के साथ राशु की दुकान अच्छी चलने लगती हैं. इस तरह आप बहुत अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.