वर्तमान समय में सूखे फूल (Dried Flowers) का व्यवसाय काफी बढ़ रहा है और इसकी मांग देश से लेकर विदेशों में भी अधिक है. अधिक मांग के कारण, भारत शुष्क फूलों के निर्यात में प्रथम स्थान पर पहुंच गया है. शुष्क फूल तकनीक (Dried Flower Technique) इतनी ज्यादा सरल है कि इसे कोई भी आसानी से सीखकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है.
क्या है ये शुष्क पुष्प तकनीक ? (What is this dry flower technique?)
शुष्क पुष्प तकनीक (Dried Flower Technique) द्वारा खिले फूलों को मुरझा जाने से पूर्व ही उनमें परफ्यूम मिलाया जाता है और पॉलिथीन बैग्स में पैक करके संरक्षित किया जाता है. इसके अलावा फूलों और उसकी पंखुड़ियों को सुखाकर ऐसे कई उत्पाद भी तैयार किये जा रहे हैं जो न सिर्फ घर की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि निर्यात करने पर सूखे फूल के उत्पाद कमाई का साधन भी बन सकते हैं.
बढ़ती महंगाई के इस युग में घर बैठी महिलाओं के लिए यह तकनीक अतिरिक्त आय का स्त्रोत भी साबित हो सकती है. इस तकनीक से तैयार किए गए उत्पाद निर्यात के लिये उत्तम होते हैं तथा कम लागत में ज्यादा लाभ देते हैं. इस उद्योग द्वारा किसान अपनी आय में वृद्धि कर खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं.
शुष्क पुष्प क्यों ? (Why dry flowers?)
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देशी व विदेशी बाजारों में शुष्क पुष्प (Dried Flowers) की अच्छी मांग है. भारत से इसका निर्यात अमेरिका, जापान और यूरोप तक किया जाता है.
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शुष्क पुष्प से तात्पर्य केवल फूल से ही नहीं है, बल्कि इसके तहत शुष्क तना, बीज, कलियां आदि भी आते हैं.
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भारत से हर साल करीब 100 करोड़ रुपए मूल्य का शुष्क पुष्प का निर्यात किया जाता है.
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इनका इस्तेमाल हाथों से बने कागज, लैंप शेड, मोमबत्ती स्टैंड, जूट के थैले, फोटो फ्रेम, बक्से, किताबें, दीवारों की सजावट, कार्ड और अन्य उपहार सामग्री के निर्माण में होता है.
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घर में पड़ी बेकार सामग्रियों और शुष्क पुष्प के इस्तेमाल से उत्पाद की सुन्दरता और लाभ दोनों बढ़ जाता है.
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इस तकनीक से तैयार किये गई सभी उत्पाद निर्यात के लिये उत्तम होते हैं तथा कम लागत में अधिक मुनाफा देते हैं.
किन फूलों का होता है इस्तेमाल (Which flowers are used)
इसमें 300 से भी ज्यादा फूलों की किस्मों को सुखाया जाता है. जैसे - सूखे गुलाब, सूखे कमल, कपास के फूल, लेवेंडर और डेज़ी आदि की मांग बाजारों में बहुत अधिक रहती है.
सूखे फूलों से बने उत्पाद (Dried flower products)
विभिन्न रंगों के शुष्क पुष्प (Dried Flowers) से शुष्क ग्रीटिंग कार्ड, कवर, गुलदस्ता, फ्रेम, मोमबत्ती स्टैंड, वॉल पिक्चर, कलैंडर, वॉल हैंगिंग, पेपर वेट, सीनरी, कोस्टर, टेबल मैट, पेन स्टैंड, बुक मार्क आदि भी बनाए जा सकते हैं. इनकी मार्किट में भारी मांग है. इनका ज्यादातर इस्तेमाल बड़े होटलों, मॉल की सजावट में होता है.
कितना करना होगा सूखे फूलों के व्यवसाय में निवेश (How much to invest in dried flowers business)
यह व्यवसाय आप थोड़ी सी जमीन में भी शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आपको फूलों का बगीचा लगाना पड़ेगा. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको शुरुआत में 1.5 लाख रुपए का निवेश करना होगा.
कितनी होगी सूखे फूलों के व्यवसाय में कमाई (How much will be earned in the business of dry flowers)
इस व्यापार को करके आप प्रति माह 20 से 30 हजार रुपए आसानी से कमा सकते हैं. सूखे फूलों के एक पैकेट की बाजार में कीमत 400 रुपए है. यदि आप रोज दो पैकेट भी बेच लेते हैं तो आप महीने में 24 हजार रुपए कमा सकते हैं. जैसे -जैसे आपका व्यापार आगे बढ़ेगा तो आपके मुनाफे में भी बढ़ोतरी होगी.
सूखे फूलों को कहां बेचे (Where to sell dried flowers)
सबसे पहले व्यवसाय की वेबसाइट बनाएं. इसके द्वारा लोगों को आपके व्यवसाय और आपके उत्पादों के बारे में अधिक जानने में मदद मिलेगी. अगर आप अपना व्यवसाय को फैलाना चाहते हैं तो सोशल मीडिया इसमें एक अच्छा कदम साबित हो सकता है. क्योंकि आजकल लोग हर चीज डिजिटल प्लेटफार्म पर ही खरीदना पसंद करते हैं. इसलिए इसका अधिक से अधिक उपयोग करें. आप इन्हें amazon.com और alibaba.com पर भी आसानी से बेच सकते हैं. इसके अलावा आप सूखे फूलों को एक्सपोर्ट हाउस (Export House) में भी जाकर आप अपना माल असानी से बेच सकते हैं या फिर हस्तशिल्प मेला में अपने उत्पादों का लगा सकते हैं.