आजकल हर कोई नए बिजनेस आइडिया की तालाश कर रहा है. ऐसे में तेल का बिज़नेस (Oil Business) काफी फायदेमंद साबित हो सकता है. तेल के नाम से हम सभी को अरब याद आता है और सोचते है कि काश हम भी तेल का बिज़नेस करके मालामाल हो जाएं. मगर अब आप अपने इस ख्याल को सच्चाई में भी बदल सकते हैं. जी हां, आप जत्रोफा की खेती (Jatropha Farming) से करोड़ों का मुनाफा कमा सकते हैं. तो आइए आपको इस संबंध में अधिक जानकारी देते हैं.
बायोडीजल के लिए होता है जत्रोफा का इस्तेमाल (Jatropha is used for biodiesel)
दिसंबर 2009 में, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय बायोडीजल मिशन (NBM) की शुरुआत की, जिसमें जत्रोफा को बायोडीजल (Bio-diesel) उत्पादन के लिए सबसे उपयुक्त वृक्ष-जनित तिलहन के रूप में पहचाना गया. साल 2017 तक पारंपरिक डीजल के साथ 20 प्रतिशत के प्रस्तावित बायोडीजल मिश्रण को प्राप्त करने में मदद मिल सके.
इथेनॉल एक ऐसा विकल्प है, जिसे गन्ने से उत्पादित किया जा सकता है. इसे पेट्रोल/गैसोलीन के साथ मिश्रित करके परिवहन के लिए उपयोग किया जा सकता है. भारत में जत्रोफा करकस से बायोडीजल के उत्पादन (Production of biodiesel from Jatropha curcas) की एक विशाल संभावना है.
जत्रोफा क्या है? (What is Jatropha?)
यह पौधा पूरे भारत में बंजर भूमि में उग सकता है. इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. मजे की बात यह है कि जत्रोफा की खेती किसानों को एक अतिरिक्त आय प्रदान कर सकती है, क्योंकि इसे शुष्क-सीमांत में उगाया जा सकता है. 13 साल पहले, बिलासपुर के एक गांव घाटभेरा में जत्रोफा के लिए एक वृक्षारोपण अभियान शुरू किया गया था.
तेल कैसे संसाधित होता है? (How is oil processed?)
घाटभेरा के खेतों से बीज रायपुर के एक जैव ईंधन संयंत्र में भेजे जाते हैं, जहां से तेल निकाला जाता है और देहरादून स्थित भारतीय पेट्रोलियम संस्थान को भेजा जाता है.
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जत्रोफा की खेती के लाभ (Benefits of Jatropha Cultivation)
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जत्रोफा के पौधे कठोर होते हैं और पानी की कमी को सहन कर सकते हैं, जिससे इसे बनाए रखना आसान हो जाता है.
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ये पौधे विभिन्न मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों में विकसित हो सकते हैं.
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ये पौधे मिट्टी के कटाव को रोकने में मददगार होते हैं.
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एक बार खेती करने के बाद लगभग 30 वर्षों तक फसल प्राप्त होती है.
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जत्रोफा की खेती ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देती है.
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किसानों को रोजगार और आय का एक वैकल्पिक स्रोत है.
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जैव ईंधन के सर्वोत्तम स्रोतों में से एक है.
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जत्रोफा की फसल अन्य फसलों की तरह कीटों और बीमारियों से प्रभावित नहीं होती है.
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जत्रोफा की खेती को फसलों की सुरक्षा के लिए बाड़ के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि पशुधन इस फसल को नहीं खाते हैं.