गाय के गोबर (Cow Dung) से आप भली-भांति परिचित हैं, यह बहुत महत्व का होता है. गाय के गोबर का कृषि के साथ-साथ कई चीजों का निर्माण किया जा सकता है. जैसे खाना पकाना, ईंधन, खाद और कुछ जैविक प्लांट बूस्टर आदि. उन्हीं कुछ चीजों में से एक है- गोबर से बैग बनाना.
गोबर से कागज बनाने की तकनीक को किसने खोजा (Who discovered the technique of making paper from cow dung)
कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट (KNHPI) जयपुर ने गाय के गोबर से पेपर बनाने की विधि को खोजा है. जिसमें गोबर से कागज बनाने का सफल प्रयोग कर लिया है. इस इंस्टीट्यूट में गाय के गोबर से हैंडमेड पेपर तैयार किया जा रहा है. इस पेपर से बहुत अच्छी क्वालिटी का कैरी बैग बनाया जा सकता है. जिससे गाय के गोबर से आप अच्छी कमाई की जा सकती है. वैसे भी आज कल प्लास्टिक धीरे-धीरे बैन हो रहे हैं. क्योंकि प्लास्टिक मानव, पशु, और पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदायक है. इसलिए गोबर से बना कैरी बैग अच्छा विकल्प साबित हो सकता हैं.
किसानों और पशुपालकों को ज्यादा मुनाफा (Higher profits for farmers and livestock farmers)
क्योंकि कागज बनाने के लिए गोबर की जरूरत पड़ती है. इस योजना में किसानों और पशुपालकों से सीधा गोबर खरीदा जा सकता है अतः किसनों को अतिरिक्त फायदा होने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ेगी.
सरकारी सहायता (Government aid)
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के तहत देश भर में इस प्रकार के प्लांट लगाने की योजना तैयार की जा रही है. गाय के गोबर से कागज बनाने का कारोबार शुरू किया जा सकता है, जिसके लिए भारत सरकार सब्सिडी के साथ लोन की व्यवस्था भी कर रही है. कागज बनाने के लिए गोबर के साथ कागज के चिथड़े का इस्तेमाल किया जाता है.
इस योजना से जुड़ने के बाद 5 लाख से लेकर 25 लाख तक में प्लांट लगाए जा सकते हैं. ये हैंडमेड पेपर हैं जिसे हाथों से ही तैयार किया जाता है अतः इससे हर प्लांट में कुछ लोगों को सीधे रोजगार भी मिलेगा. अगर 15 लाख में कोई प्लांट लगाया जाता है तो 10 से 12 लोगों को रोजगार मिल सकता है.
भारत सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने का फैसला लिया था, ऐसे में पेपर के कैरी बैग्स की मांग बढ़ने वाली है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) के अंतर्गत काम करने वाले खादी ग्रामोद्योग (KVIC) की एक यूनिट ने गाय के गोबर से पेपर बनाने का काम शुरू कर दिया है. अब इस प्लांट को पूरे देश में लगाने की योजना बनाई जा रही है.
कैसे होता है गोबर से पेपर बैग बनाने का कारोबार (How is the business of making paper bags from cow dung)
इसके कारोबार शुरू करने के लिए लगभग 15 लाख खर्च आता है. पेपर मशीन करीब 11 -12 लाख की आती है. पेपर फैक्ट्री लगाकर एक महीने में 1 लाख पेपर बैग बना सकते है, जिससे आपका अच्छा मुनाफा होगा. सब्ज़ियों, फल और कुछ हल्के समान लाने के लिए लोगों को बैग की जरूरत पड़ती है, जिस कारण इनकी मांग बाज़ारों में बनी रहती है. पेपर फैक्ट्री से खूब मुनाफा कमाया जा सकता है.
किसानों से गोबर खरीदने के लिए कंपनियां 5 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर खरीदती हैं. एक पशु से औसत दिन का 10-12 किलो गोबर प्राप्त हो जाता है. जिससे आप अपने पशु से एक दिन में 50 रुपये की कमाई की जा सकती है.
सम्पर्क सूत्र (For contact)
यह गोबर से कैरी बैग का कारोबार या इससे संबन्धित जानकारी के लिए कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट (KNHPI) जयपुर से सम्पर्क किया जा सकता है.
इसका पत्ता कुमारप्पा नेशनल हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट, रामसिंघपुरा, शिकारपुरा रोड, सांगानेर, जयपुर-302029 राजस्थान है तथा knhpijpr@dataone.in या 01412730369 पर भी सम्पर्क साधा जा सकता है