Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 11 March, 2021 5:07 PM IST
Holika 2021

इस साल होली (Holi 2021) का त्योहार 29 मार्च यानी सोमवार के दिन मनाया जा रहा है और होलिका दहन 28 मार्च को है. आइए आपको होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में बताते हैं.

कब है होली  

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – मार्च 28, 2021 को 03:27 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त – मार्च 29, 2021 को 00:17 बजे

होलिका दहन का समय

होलिका दहन मुहूर्त – 18:37 से 20:56

अवधि – 02 घंटे 20 मिनट

होली 2021

भद्रा पूंछ -10:13 से 11:16

भद्रा मुख – 11:16 से 13:00

होलाष्टक 2021

जानकारी के लिए बता दें कि होली (Holi 2021) से लगभग 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है. अगर हिंदू पंचांग की मानें, तो फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाता है. इस साल होलाष्टक 22 मार्च से 28 मार्च तक है. धार्मिक मान्यता यह है कि इस दौरान शादी, विवाह, वाहन खरीदना, घर खरीदना और अन्य मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं.

होली से जुड़ी पौराणिक कथा

कहा जाता है कि जन्म से प्रहलाद ब्रह्मज्ञानी थे. वह हमेशा भगवत भक्ति में लीन रहते थे. उन्हें 9 प्रकार की भक्ति प्राप्त थी. बता दें कि भक्ति मार्ग के इस चरम सोपान को प्राप्त करने के बाद प्राणी का मिलन परमात्मा से हो जाता है.

इस चरम पर प्रहलाद भी पहुंच गए थे. मगर इस बात का उनके पिता हिरण्यकश्यपु काफी विरोध करते थे, लेकिन जब वह प्रहलाद को नारायण की भक्ति करने से नहीं रोक सके, तो उन्होंने प्रह्लाद को फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी को बंदी बना लिया. इशके बाद मृत्यु देने के लिए तरह-तरह की यातनायें देने लगे. मगर प्रहलाद विचलित नहीं हुए और भक्ति में लीन होने के कारण प्रहलाद हमेशा जीवित बच जाते थे. इस तरह लगभग 7 दिन बीत गए और 8वें दिन अपने भाई हिरण्यकश्यपु की बहन होलिका ने उनकी परेशानी देख प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में भस्म करने का प्रस्ताव रखा.

इस प्रस्ताव को हिरण्यकश्यपु ने स्वीकार कर लिया और होलिका जैसे ही अपने भतीजे यानी प्रहलाद को गोद में लेकर जलती आग में बैठीं, तब वह स्वयं जलने लगीं, लेकिन प्रहलाद पुनः जीवित बच गए. ऐसा कहा जाता है कि उनके लिए अग्निदेव शीतल हो गए थे. बस तभी से इन आठ दिनों को होलाष्टक के रूप में मनाया जाने लगा है.

English Summary: Read the mythological stories related to Holi festival and auspicious time for Holika Dahan
Published on: 11 March 2021, 05:34 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now