भारतीय खान-पान की संस्कृति में सरसों अभिन्न हिस्सा है. इससे खाने का स्वाद कई गुना बढ़ जाता है, साथ ही इसके सेवन से स्वास्थ के लिए कई लाभ होते हैं. वहीं, सरसों के तेल की मालिश से बदन का दर्द दूर होता है और ये भूख बढ़ाने में भी मददगार साबित है.
किसी इंसान को अगर वजन घटाना है, तो उसे अपना भोजन सरसों के तेल में ही पकाना चाहिए. इसके साथ ही अगर किसी को अस्थमा की बीमारी है, तो उसे भी इसका सेवन करना चाहिए.
मगर कई बार सरसों का तेल खरीदते समय लोगों के मन में एक ही ख्याल आता है कि ये सरसों का तेल असली है या नकली. अगर आप इन सवालों से परेशान होते हैं, तो हमारा यह लेख जरूर पढ़िए.
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों से नकली सरसों की खबरें बाज़ार में तेजी से आ रही है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे सामान्य तरीकों का प्रयोग कर आप असली-नकली सरसों के तेल का फर्क जान सकते हैं.
असली-नकली सरसों के तेल की पहचान करना (Identifying fake mustard oil)
अगर आपको स्वास्थ का खास ख्याल रखना है, तो आप ये जरूर जान लें कि आप जिस सरसों के तेल का सेवन कर रहे हैं, वह तेल शुद्ध है की नहीं. बता दें कि आप आप सरसों के तेल को फ्रिज में रखकर भी असली-नकली का भेद जान सकते हैं.
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सबसे पहले सरसों के तेल को फ्रिज में रख दें.
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अगर सरसों का तेल जमने लगता है, तो इसमें मिलावट की गई है.
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अगर आपका तेल शुद्ध होगा, तो ये तरल ही रहेगा.
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आप सरसों का तेल खरीदते समय हथेलियों पर तेल को रगड़कर देखें. अगर तेल रंग छोड़ रहा है, तो उसमें मिलावट की गई है.
इसके अलावा आप सरसों की कुछ बूंदों को टेस्ट ट्यूब में डालकर नाइट्रिक एसिड का प्रयोग करते हुए जान सकते हैं कि आपका तेल शुद्ध है की नहीं. बता दें कि ट्यूब में नाइट्रिक एसिड डालने पर कुछ देर गर्म करने से अगर रंग लाल हो रहा है, तो सरसों के तेल में मिलावट की गई है.