फसल के उत्पादन में बीजों की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, क्योंकि बीज से ही फसल की पौध तैयार होती है और इस पौध से किसानों को गुणवत्तापूर्ण फसल प्राप्त होती है, जो उनकी आमदनी को एवं आर्थिक स्थिति को अच्छा बनात है. बीज खेती के लिए एक मूलमंत्र माना जाता है, इसलिए किसानों के लिए बीज एक महत्वपूर्ण चीज मानी जाती है.
बीजों के इस महत्व को समझने के लिए एवं किसानों को जागरूक करने के लिए पूरे विश्व में हर साल 26 अप्रैल को अंतरष्ट्रीय बीज दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिवस पेटेंट मुक्त बीज, जैविक खाद्य और किसानों के अधिकारों के लिए मनाया जाता है.
अंतरष्ट्रीय बीज दिवस का इतिहास (History of International Seed Day)
अंतरष्ट्रीय बीज दिवस का इतिहास बड़ा ही रोमांचित माना जाता है. दरअसल, इराक में किसानों के खिलाफ एक कानून बनाया गया था, जिसे आदेश 81 के नाम से जाना जाता है. कहते हैं साल 2004 की 26 अप्रैल को इराक की कृषि को नियंत्रित करने के लिए इराक की गठबंधन अनंतिम प्राधिकरण (सीपीए) के प्रशासक पॉल ब्रेमर ने हस्ताक्षर किये थे. किसानों के खिलाफ बनाया गया कानून आदेश 81 इराक के मूल कानून संख्या 65 में पेटेंट पर संशोधन करता है.
आदेश 81 को 'प्लांट वैरायटी प्रोटेक्शन' यानि पीवीपी का सबसे महत्वपूर्ण विषय माना जाता है, जो ना केवल जैव विविधता की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय प्रमुख बीज निगमों के वाणिज्यिक हितों की भी सुरक्षा को सुनिश्चित करता है.
इसे पढ़िए- अंतर्राष्ट्रीय गाजर दिवस – 4 अप्रैल 2022: जानिए इतिहास और महत्व
अंतर्राष्ट्रीय बीज दिवस का महत्व (Importance of International Seed Day)
फसल उत्पादन में बीज का महत्वपूर्ण योगदान होता है. बीजों की गुणवत्ता पर ही फसल की गुणवत्ता निर्भर करती है, इसलिए सदा गुणों से भरपूर बीजों का ही इस्तेमाल करना चाहिए, इसके साथ ही किसानों के लिए कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भी बीजों का सहयोग होता है.
कैसे मनाते हैं इस दिवस को (how to celebrate this day)
इस खास दिवस के दिन पुरे विश्व में जैविक खाद द्वारा उगाये बीजों के लिए किसानों को जागरूक किया जाता है. किसानों को कृषि विभाग की तरफ से पेटेंट मुक्त बीजों का वितरण किया जाता है.