प्रधानमंत्री आवास योजना–शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत करीब 3.61 लाख आवासों के निर्माण के 708 प्रस्तावों को सरकार ने आज मंजूरी दे दी है. इस संबंध में फैसला नई दिल्ली में पीएमएवाई-यू के तहत केंद्रीय स्वीकृति और निगरानी समिति की 54वीं बैठक में लिया गया. इस बैठक में 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने हिस्सा लिया.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, इन घरों का निर्माण लाभार्थी के नेतृत्व में उनके हिसाब से और उनकी भागीदारी में किफायती आवास के तौर पर किए जाने का प्रस्ताव है.
लॉन्च हुआ 'पीएमएवाई–यू अवार्ड्स 2021 - 100 डेज़ चैलेंज'
इसके अलावा, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव, दुर्गा शंकर मिश्रा ने 'पीएमएवाई–यू अवार्ड्स 2021 - 100 डेज़ चैलेंज' भी लॉन्च किया. इसके तहत, मिशन के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी), शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) और लाभार्थियों द्वारा किए गए उत्कृष्ट योगदान और प्रदर्शन को पहचानने और एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाने के लिए पुरस्कार दिए जाते हैं.
गौरतलब है कि कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान यह समिति की पहली बैठक थी. इस दौरान दुर्गा शंकर मिश्रा ने बैठक में कहा, “मंजूरी की मांग सभी राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों से उठ रही है. अप्रयुक्त धन का उपयोग और निर्धारित समय के भीतर परियोजनाओं को पूरा करना सुनिश्चित करना अब हमारा मुख्य फोकस है.”
पीएमएवाई के तहत निर्माण और निर्माणाधीन घर
पीएमएवाई (यू) के तहत स्वीकृत घरों की कुल संख्या 112.4 लाख है जिनमें से अब तक 82.5 लाख घरों के निर्माण के लिए आधार तैयार किए जा चुके हैं और इनमें से भी 48.31 लाख पूरे/ वितरित किए जा चुके हैं. इसके लिए कुल निवेश 7.35 लाख करोड़ रुपये तय है जिसमें 1.81 लाख रुपये की राशि केंद्रीय सहायता के तौर पर दी जानी है . इस राशि में से 96,067 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है.
बैठक में भाग लेने वाले राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों को संबोधित करते हुए, मंत्रालय के सचिव ने छह लाइट हाउस परियोजनाओं (एलएचपी) पर जोर दिया, जिनकी आधारशिला जनवरी, 2021 में प्रधान मंत्री द्वारा रखी गई थी.
एलएचपी का निर्माण अगरतला, चेन्नई, लखनऊ, रांची, राजकोट और इंदौर में किया जा रहा है. उन्होंने कहा , “इन परियोजनाओं को निर्माण में शामिल सभी संबंधित विभागों को प्रेरित करना चाहिए. इनमें अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग को दोहराया जाना चाहिए और इसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए."