आईएआरआई (पूसा) द्वारा किसानों के लिए उन्नत किस्मों विकसित होती रहती हैं. इसी कड़ी में पूसा द्वारा हर साल एक किसान मेले का आयोजन भी किया जाता है. इस साल यह किसान मेला 25 फरवरी से लेकर 27 फरवरी तक आयोजित किया जाएगा. इस मेला के मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) रहेंगे.
किसान मेले में मिलेंगे बीज
किसान मेले के संबंध में आईएआरआई के डायरेक्टर डॉ. ए. के सिंह बताते हैं कि इस किसान मेले में फसल उत्पादन की तमाम तकनीक और किस्मों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी. इसके साथ ही वैज्ञानिकों के साथ कृषि गोष्ठी आयोजित होगी, जिसमें किसानों के तामाम प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा. मेले में सबसे बड़ा आकर्षण बीज का होता है, तो इस साल किसान मेले में अनुसंधान में जो प्रमुख किस्में हैं- पूसा बासमती 1121, 1718, 1509, 1401, 1637 औऱ 1728 आदि प्रमुख किस्में उपलब्ध कराई जाएंगी.
धान की नई किस्म होगी उपलब्ध
इसके अलावा धान की एक नई किस्म विकसित की गई हैं, जो कि पूसा बासमती 1692 है. यह कम अवधि वाली किस्म है, जो लगभग 115 दिन में तैयार हो जाती है. इस किस्म की खासियत यह है कि यह पहले से बोई जाने वाली किस्म 1509 के मुकाबले प्रति हेक्टेयर 5 क्विटंल ज्यादा पैदावार देती है. ये किस्म किसानों के लिए काफी लाभकारी है, क्योंकि इस किस्म से सितंबर में खेत खाली हो जाता है, जिसके बाद आप खेत में मिर्च, आलू और सूरजमुखी की खेती कर सकते हैं. इस तरह फसल विविधीकरण से किसानों को काफी अच्छा लाभ मिल पाएगा.
डॉ. ए. के सिंह का कहना है कि पूसा बासमती 1692 नई किस्म है, इसलिए संस्थान को बहुत सामित मात्रा में उपलब्ध कराई जाएगी. ऐसे में संस्थान प्रयास करेगा कि मेले में हिस्सा लेने वाले सभी किसानों को 1-1 किलो बीज उपलब्ध कराया जा सके.
धान के अलावा अरहर की किस्मों में पूसा अरहर 16 शामिल है, जो कि मात्र 120 में पककर तैयार हो जाती है, जिसकी कटाई के बाद किसान गेहूं की बुवाई कर सकते हैं. बता दें कि किसान मेले में इस किस्म का बीज भी उपलब्ध कराया जाएगा. इसके अलावा अरहर की 1191 और 1192 किस्म भी उपलब्ध कराई जाएंगी. इतना ही नहीं, किसान मेले में मूंग की 3 प्रमुख किस्में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसमें पूसा विशाल को ज्यादा अच्छा माना जाता है.