देश की राजधानी में दिल्ली (Delhi) में किसानों को आंदोलन (Farmers Protest) करते हुए एक महीने से ज्यादा हो गया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए तीन कृषि कानूनों (New Farm Law) का विरोध जारी है.
हालांकि, केंद्र सरकार और किसानों के बीच कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन उससे किसानों की मांगों का कोई बड़ा हल नहीं निकल पाया. ऐसे में एक बार फिर सरकार और किसान के बीच आठवें दौर की बातचीत होगी. बता दें कि पिछली बार की बातचीत में सरकार मे कृषि कानूनों (Farm Law) को वापस लेने से इनकार कर दिया था.
एक तरफ किसानों का कहना है कि इन कृषि कानूनों से उनकी आमदनी पर प्रभाव पड़ रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि उसने किसानों के लिए एक अलग प्लान तैयार कर रखा है. किसान नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं हुई, तो वह गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर योजनाबद्ध तरीके से मार्च निकालेंगे.
क्या बोले कृषि मंत्री?
सरकार और किसानों के बीच होने वाली महत्वपूर्ण बातचीत से एक दिन पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar) ने कहा कि सरकार तीनों नए कृषि कृषि कानूनों (New Farm Law) को वापस नहीं लेगी, लेकिन इसके अलावा वह किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने को तैयार है.
बेनतीजा रही है 7वें दौर की बातचीत
इससे पहले सरकार और आंदोलनरत किसान संगठनों के बीच सात बार बातचीत हो चुकी है लेकिन सातों बैठक बेनतीजा रही. हालांकि, किसान संगठनों को 30 दिसंबर की बैठक में कुछ सफलता हाथ लगी थी, जब सरकार ने बिजली सब्सिडी और पराली जलाने के संबंध में 2 मांगें मान ली थीं.
सरकार का अगला कदम क्या होगा?
इस सवाल के जवाब में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी (Agriculture Minister)) ने कहा कि नए कृषि कानून (New Farm Law) किसानों को छूट देते हैं और सरकार मौजूदा गतिरोध यथाशीघ्र खत्म करने को लेकर आशान्वित है. उन्होंने कहा कि अभी जो कदम उठाए गए हैं, वे महज शुरूआत हैं. अभी और अधिक सुधार करे जाएंगे. अगला कीटनाशक विधेयक और बीज विधेयक होगा.
किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च
जानकारी के लिए बता दें कि सरकार और किसानों के बीच होने वाली बातचीत से पहले हजारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली की सीमाओं से लगे अपने प्रदर्शन स्थल सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर और हरियाणा के रेवासन से ट्रैक्टर मार्च निकाला था.