केंद्र सरकार (Central Government) ने कृषि वाहनों (Agricultural vehicles) पर उत्सर्जक मानक टीएम-4 लागू करने का फैसला लिया है. यह 1 अक्टूबर 2021 से लागू होगा. इस फैसले के मुताबिक, ट्रैक्टर, पावर टिल्लर्स, संयुक्त हार्वेस्टर आदि कृषि वाहनों को भारत स्टेज हटा दिया गया है और ट्रेम स्टेज-4 (टीएम) की श्रेणी में शामिल कर दिया है. इनके निर्माण कार्य में लगे उपकरणों को भी कृषि वाहनों से पृथक कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट व्हीकल-4 (सीईवी) की श्रेणी में रख दिया है. इसेक अलावा कार और अन्य व्यवसायिक वाहनों पर 1 अक्टूबर 2020 में बीएस-6 मानक लागू होंगे. इतना ही नहीं, बाजार में साल 2024 के बाद टीएम-5 मानक के ट्रैक्टर आएंगे. इस तरह देश के लाखों किसानों और ट्रैक्टर कंपनियों को राहत मिल पाएगी. इसके लिए सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रायल ने आपत्ति-सुझाव के लिए प्रारूप अधिसूचना जारी कर दी है.
सड़क परिवहन मंत्रालय की मानें, तो बाजार और वाहन उद्योग में मानक भारत स्टेज-6 को लेकर भ्रम बना हुआ है, इसलिए ट्रैक्टर, पावर ट्रिलर, कंबाइन हावेस्टर आदि कृषि वाहनों को बीएस-6 श्रेणी में न रखकर ट्रेम स्टेज-4 में कर दिया गया है।. इसके साथ ही निर्माण कार्य के वाहनों को कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट व्हीकल-4 (सीईवी) पृथक श्रेणी में रखा गया है. बताया जा रहा है कि निजी और व्यवसायिक वाहनों के लिए उत्सर्जक मानक भारत स्टेज-6 1 अक्टूबर 2020 से लागू हो जाएंगे.
ये भी पढे : टॉप 5 आधुनिक कृषि यंत्र जो श्रम और लागत कम करने के साथ ही बढ़ाते हैं मुनाफा
आपको बता दें कि इस वक्त यूरोप और अन्य विकसित देशों में तीन व चार उत्सर्जक मानक चल रहे हैं, तो वहीं निर्माण कार्य के वाहनों पर 1 अप्रैल से लागू होने वाले उत्सर्जक मानक सीईवी-4 को 6 माह की छूट दी गई है. माना जा रहा जा है कि कृषि वाहनों पर छूट देने के लिए कृषि मंत्रालय, ट्रैक्टर निर्माताओं और कृषि संगठनों ने मांग की थी.
सरकार ने यह फैसला तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए लिया है. इसके लिए साथ जून को निजी, व्यवसायिक पर 1 अक्टूबर से बीएस-6 मानक लागू करने संबंधी अधिसूचना जारी की है. बता दें कि इन वाहनों की पहचान हरी और नारंगी नंबर प्लेट से की जाएगी. जब नए मानक लागू हो जाएंगे, तो वाहनों व उपकरणों की उत्पादन लागत बढ़ जाएगी. इसके साथ ही वाहन निर्माता कंपनियों की फैक्ट्रियों में बदला किए जाएंगे, जिसमें काफी पैसा खर्च होगा.
ये भी पढे : स्टोन पिकर मशीन से मात्र 2 घंटे में निकालें खेत के कंकड़-पत्थर, जानें इसके मॉडल, खासियत और कीमत