उत्तर प्रदेश देश गन्ने का बड़ा उत्पादक राज्य है. यहाँ हर साल कई लाख कुंटल गन्ने का उत्पादन किया जाता है. बड़े पैमाने पर चीनी का उत्पादन भी किया जाता है. उत्तर प्रदेश के बरेली के मीरगंज तहसील के गाँव करनपुर निवासी किसान जबर पाल सिंह अपने खेत से गन्ने का जबरदस्त उत्पादन ले रहे है.उन्होंने अपने खेत में ट्रंच जिग जैग विधि में गन्ने की बुवाई की थी, जिसका असर अब उनके खेतों में नजर आ रहा है.
इस बार उनके खेतों में लगा गन्ना उनकी लंबाई से दोगुना है. वो अपने खेतों से 900-1000 कुंटल प्रति एकड़ गन्ना उगाने के साथ ही सहफसली खेती कर अपनी आमदनी को बढ़ा रहे हैं.
उनके गाँव में लगभग 1200 लोगो की आबादी है. इस गाँव में सैकड़ों हेक्टेयर में गन्ना की खेती की जा रही हैं. गेहूं और गन्ना यहां की मुख्य फसल हैं. साथ ही कई किसान उड़द, मूंग, प्याज, आलू, मक्का, सरसों, आलू और मूंगफली को सहफसली के रुप में गन्ने के साथ उगाते हैं.जबरपाल सिंह ने जबसे ट्रंच जिग जैग विधी से गन्ना की खेती करना शुरू किया है पैदावार बढ़ गई है. जबर सिंह 150 कुंतल प्रति बीघा की दर से गन्ना ले रहे हैं. उनकी इस जिग जैग त्रुंच विधि से उनके खेतों में खेतों में 15 फीट का गन्ना उग रहा हैं.
ख़ास बात यह है कि उनके इस गन्ने की फसल को देखने के लिए यूपी के साथ पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई प्रदेशों से लोग आ रहे हैं. जबरपाल को जिले के गन्ना विभाग और क्षेत्रीय गन्ना मिल का भी पूरा साथ मिला है. जबरपाल का लक्ष्य है इस बार 1200-1500 एकड़ प्रति कुंतल गन्ने का लक्ष्य रखा है. जबरपाल सिंह की मेहनत को देख उनके गाँव के अन्य किसान भी ट्रेंच विधि से गन्ना उगा रहे हैं . हालांकि उनके गाँव में पानी की थोड़ी समस्या है लेकिन फिर भी यहाँ के वो अच्छी पैदावार ले रहे हैं.
गन्ना किसानों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत प्रति किसान को गन्ना की बेहतर पैदावार के लिए 7500 रुपए की सहयोग राशि दी जा रही है, जिससे किसानों का उत्साहवर्धन हो. बरेली ज़िले में अनुमानित 7900 हेक्टेयर गन्ने की खेती की जा रही है. जबरपाल सिंह कृषि की आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अच्छा मुनाफा ले रहे हैं.