NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 5 April, 2022 3:57 PM IST

आजकल वैज्ञानिकों ने नयी-नयी तकनीकों को विकसित कर लगभग सबकुछ संभव बना दिया है. अब चाहे, वो कृषि में ड्रोन का इस्तेमाल करना हो या फिर अंतरिक्ष में सोलर पावर पैनल की योजना बनाना हो.

दरअसल, स्पेस में सोलर पावर स्टेशन (Space Solar Power Station) स्थापित करने करने के लिए कई तरह के प्रयोग किये जा रहे हैं, जिसकी सफलता से सभी धरती निवासियों को ऊर्जा का लाभ मिल सकेगा.

2050 तक मिल सकती है सफलता (Space Solar Power Station Launches)

हाल ही में यूके सरकार ने अंतरिक्ष में सौर ऊर्जा को स्थापित करने का लक्ष्य तैयार किया है. नेट ज़ीरो इनोवेशन पोर्टफोलियो के अनुसार, ऑर्बिटल सन-पावर हार्नेसिंग तकनीक 2050 तक इसको हासिल करने में सफल हो सकती है.

कैसे काम करेगी अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा तकनीक (How Space-based Solar Power Technology will Work)

अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा (Space Solar Power Station) सीधे सूर्य से उन घटकों के माध्यम से एकत्र की जाएगी जो बाहरी अंतरिक्ष में मंडराते हैं. इसलिए इसके प्रबंधन और वितरण के लिए ऊर्जा को स्टेशनों के रूप में स्थापित किया जायेगा. हालांकि, अंतरिक्ष से सौर ऊर्जा प्राप्त करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन नई तकनीकों ने इसके विकास को संभव बनाया है.

उपग्रह की वास्तुकला (Satellite Architecture) बिजली उत्पन्न करने के लिए सौर पैनलों से भरी होगी, जिसे वायरलेस या उच्च आवृत्ति वाली रेडियो तरंगों के माध्यम से पृथ्वी-आधारित संयंत्रों (Earth-based Plants) तक पहुंचाया जा सकता है.

तरंगों को एक 'रेक्टेना' या एक ग्राउंड एंटीना की ओर निर्देशित किया जाएगा, जो बड़ी मात्रा में बिजली पकड़ सकता है और फिर इसे पावर ग्रिड में स्टोर कर सकता है.

24 घंटे रहेगी एक्टिव (Space Solar Power Station Activeness) 

अंतरिक्ष आधारित उपग्रहों दिन में 24 घंटे सूर्य के संपर्क में रहने से बिजली सामान और टिकाऊ रहेगी. 2050 के बाद बिजली की वैश्विक मांगों में 50 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा जैसे समाधानों के माध्यम से कई देश अपनी बिजली की मांग को पूरा कर सकेंगे.

अमेरिका और चीन सरकार अंतरिक्ष-आधारित सौर ऊर्जा प्राणाली (Space Solar Power Station) को कुछ ही सालों में स्थापित कर लेने में सफल होंगे.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन्होंने बीते समय में इसका कई बार प्रयोग भी किया हुआ है, और यह आशा जताई जा रही है कि यह परीक्षण जल्द ही सक्सेसफुल हो जायेगा.   

English Summary: Solar power station will be built in space, know its specialties and benefits
Published on: 05 April 2022, 03:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now