जहां एक तरफ रबी फसलों की बुवाई का समय चल रहा है, तो वहीं दूसरी तरफ खाद की कमी ने किसानों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर रखी है. देश के कई ऐसे राज्य हैं, जहां किसानों को खाद की कमी के चलते फसलों में भारी नुकसान हो रहा है.
इसी कड़ी में बिहार से एक खबर सामने आए है कि राज्य में डीएपी खाद (DAP) को लेकर किसानों में हाहाकार मची है. इस समस्या को देखते हुए बिहार सरकार ने एक लाख मीट्रिक टन डीएपी की आपूर्ति की मांग की है.
डीएपी की आपूर्ति की मांग
राज्य के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह द्वारा डीएपी की जल्दी आपूर्ति कराने की मांग की गई है. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया और अधिकारियों की साथ बैठक की.
डीएपी के लिए किसानों की लंबी कतार
आपको बता दें कि बिहार के कई जिल से किसानों की लंबी कतार डीएपी (DAP) के लिए लगातार देखने को मिल रही है. अभी रबी फसल की बुवाई का समय चल रहा है, लेकिन किसान खाद की खरीदारी नहीं कर पा रहे हैं.
इस समस्या को देखते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार को एक सप्ताह के भीतर एक लाख मीट्रिक टन डीएपी (DAP) आपूर्ति करने का अनुरोध किया गया.
इसके अलावा, मनसुख मांडविया ने आश्वासन दिया कि बिहार राज्य को रबी मौसम वर्ष 2021-22 में आवश्यकता के अनुरूप समय पर उर्वरकों की आपूर्ति की जाएगी. कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार को वर्तमान रबी मौसम 2021-22 में डीएपी (DAP) एवं एमओपी की कमी की समस्याओं से अवगत कराया गया है.
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इस बैठक के बाद मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है. उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे यूरिया को उद्योगों की ओर ले जाने से रोकें.
इसके अलावा मिट्टी के इस प्रमुख पोषक तत्व की दैनिक आधार पर मांग-आपूर्ति की निगरानी करें. इसके साथ ही नैनो यूरिया और जैविक उर्वरकों जैसे वैकल्पिक उर्वरकों के उपयोग को बढ़ावा देने की जरूरत है.