कृषि कानूनों (Farm Bill) के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन को 2 महीने से ज्यादा का समय हो गया है, लेकिन किसान और सरकार के बीच अभी तक कोई सुलह की उम्मीद दिखाई नहीं दी है. किसान लगातार कृषि कानून (Farm Bill) वापसी की मांग पर अड़े हैं.
इसके लिए बीते दिन किसानों ने हरियाणा के जींद जिले के कंडेला गांव में महापंचायत भी की है. इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल हुए. उन्होंने कहा कि अब कृषि मंत्री या फिर किसी और मंत्री से बातचीत नहीं होगी. अब प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को ही बातचीत के लिए आगे आना होगा.
राकेश टिकैत ने आगे कहा कि अभी तो किसान कृषि कानूनों (Farm Bill) की वापसी की मांग कर रहे हैं, लेकिन जब किसान गद्दी वापसी की मांग करेंगे, तब सरकार क्या करेगी? जब कोई राजा डरता है, तो किले बंदी का सहारा लेता है. अब ठीक ऐसा ही हो रहा है. दिल्ली के बॉर्डर पर जो कीलबंदी की गई है, ऐसा तो दुश्मन के लिए भी नहीं किया जाता है. मगर किसान डरता नहीं है, वह इसके ऊपर लेटेंगे और उसे पार करके जाएंगे. बता दें कि सरकार द्वारा बातचीत के लिए किसानों की कमेटी के सदस्यों की संख्या कम करने से भी टिकैत ने साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा है कि कभी भी बीच लड़ाई में घोड़े नहीं बदले जाते हैं, इसलिए जो कमेटी के सदस्य हैं, वहीं रहेंगे.
महापंचायत में 5 प्रस्ताव पास
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नए तीनों कृषि कानूनों को सरकार वापस लें.
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पकड़े गए लोगों और जब्त किए गए ट्रैक्टर छोड़ दिए जाएं.
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MSP का कानून बनाएं.
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स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करें.
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किसानों का कर्ज माफ करें.
आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने पुलिस की ड्यूटी में भेजी गईं 576 DTC बसों को डिपो में तुरंत लौटाने का निर्देश दिया है. ये बसें किसान आंदोलन में सुरक्षाबलों की आवाजाही में लगी हैं. दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा DTC को निर्देश दिया गया है कि बिना सरकार की इजाजत के दिल्ली पुलिस को बसें नहीं दी जाएंगी.