कृषि ही नहीं, बल्कि पशुपालन का चलन भी काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है और बढ़े भी क्यों ना. अगर पशुपालक पशुओं का पालन ही ना करें, तो शायद हमें ताजा दूध और उससे बने उत्पाद भी प्राप्त ना हों.
पशुओं का दूध इसलिए जरूरी है, ताकि हमारे शरीर की तमाम तरह की बीमारियों से रक्षा हो सके. अब बात आती है कि किस पशु का दूध पीना ज्यादा फायदेमंद है, तो मौजूदा समय में लोग गाय व भैंस का दूध ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.
मगर बकरी का दूध (Goat Milk) पीना ज्यादा फायदेमंद माना जा रहा है. ऐसा हम नहीं, बल्कि डॉक्टर का कहना है, इसलिए बकरी का दूध (Goat Milk) भी काफी महंगा हो गया है, तो चलिए बताते हैं कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है.
बकरी का दूध पीना फायदेमंद
इस समय में बीमारियों के बढ़ने और प्लेटलेट्स (Platelets) के कम होने से लोग काफी भयभीत हैं. ऐसे में डॉक्टर (Doctors) बकरी का दूध (Goat Milk) पीने की सलाह दे रहे हैं. बता दें कि प्लेटलेट्स (Goat Milk Increase Platelets) गिरने की हालत में बकरी का दूध वरदान साबित हो रहा है.
बकरी का दूध हुआ महंगा
मौजूदा समय में बकरी के दूध की मांग (Demand Of Goat Milk) काफी बढ़ गई है. आलम यह है कि लोग गांव-गांव जाकर बकरी का दूध खरीद रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग गांव से बकरियां लाकर उनका पालन कर शहर में दूध बेच रहे हैं.
बकरी के दूध की मांग लगातार बढ़ रही है, इसलिए 30 रुपए में बिकने वाला बकरी का दूध (Goat Milk Rate) 60 से 70 रुपए प्रति लीटर मिल रहा है. बता दें कि इसकी तुलना में भैंस का दूध करीब 55 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है.
प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बकरी दूध का सेवन
आम तौर पर लोग गाय या भैंस का दूध पसंद करते हैं. वहीं आज बीमारियों के संकट में लोग बकरी के दूध की सरगर्मी से तलाश कर रहे हैं, क्योंकि बकरी का दूध ही कई मरीजों के लिए दवाई का काम कर रहा है.
डॉक्टर्स की सलाह है कि मरीजों को प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए बकरी का दूध पिलाया जाए. जानकारी के लिए बता दें कि बकरी के दूध (Goat Milk) की मांग इतनी बढ़ गई है कि उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है. हालांकि, कुछ ग्रामीण क्षेत्र जैसे- कानपुर देहात के झींझक क्षेत्र में बकरी पालक हैं, जो लोगों को निशुल्क दूध देकर मदद कर रहे हैं.