NSC की बड़ी पहल, किसान अब घर बैठे ऑनलाइन आर्डर कर किफायती कीमत पर खरीद सकते हैं बासमती धान के बीज बिना रसायनों के आम को पकाने का घरेलू उपाय, यहां जानें पूरा तरीका भीषण गर्मी और लू से पशुओं में हीट स्ट्रोक की समस्या, पशुपालन विभाग ने जारी की एडवाइजरी भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! आम की फसल पर फल मक्खी कीट के प्रकोप का बढ़ा खतरा, जानें बचाव करने का सबसे सही तरीका
Updated on: 28 January, 2019 12:34 PM IST

पद्म पुरस्कार 2019:  पद्मा पुरस्कारों के लिए 50 हज़ार से भी ज्यादा लोगों का नामांकन किया गया. 26  जनवरी की शाम को पद्मा पुरस्कार की घोषणा की गई. जिसमे से राष्ट्रपति ने 112 लोगों के नाम पर मुहर लगा दी. जिसमें 4 पद्म विभूषण,  14  पद्म भूषण और 94 पद्म श्री पुरस्कार शामिल है. पुरस्कार विजेताओं में 12 किसान, 14 डॉक्टर और 9 खिलाड़ी शामिल हैं.

 जगदीश प्रसाद पारिख को गाजर के लिए, कंवल सिंह चौहान को फूलगोभी और मशरूम के लिए और वल्लभभाई वासराभाई मारवानिया को भी गाजर के लिए चुना गया है. इसके अलावा प्रगतिशील किसान जिन्होंने खेती में तकनीक और वैज्ञानिक तरीके अपनाए हैं, जैसे - राम शरण वर्मा, भारत भूषण त्यागी और वेंकटेश्वर राव यदलापल्ली. पुराने-पारंपरिक बीजों और संवर्धित जैविक खेती को संरक्षित करके उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पारंपरिक कृषकों की सूची में बाबूलाल दहिया, कमला पुजारी, राजकुमारी देवी और हुकुमचंद पाटीदार शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - बेरोज़गारी का इलाज- मशरुम की खेती

इसके अलावा पशुपालन क्षेत्र में, सुल्तान सिंह को मत्स्य पालन के लिए और नरेंद्र सिंह को डेयरी-प्रजनन के लिए चुना गया है.

जिन 14 डॉक्टरों को गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए सम्मानित किया जाएगा, उनमें ओमेश कुमार भारती (रेबीज), रामास्वामी वेंकटस्वामी (जलने की पुनर्निर्माण सर्जरी), सुदाम केट (सिकल सेल) और प्रताप सिंह हार्डिया (मोतियाबिंद) शामिल हैं.

कम से कम गुणवत्ता वाले स्वास्थ्य देखभाल के साथ गरीबों की मदद के लिए डॉक्टर स्मिता और रवींद्र कोल्हे (महाराष्ट्र), श्यामा प्रसाद मुखर्जी (झारखंड) और आर वी रमानी (तमिलनाडु) हैं. देश के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों में सेवा करने वाले डॉक्टर टर्सिंग नोरबो (लद्दाख), इलियास अली (असम), अशोक लक्ष्मणराव कुकड़े (महाराष्ट्र) हैं.

देश के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के डॉक्टर जिन्हें पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाएगा, उनमें जगत राम (PGIMER, चंडीगढ़ के निदेशक), संदीप गुलेरिया (इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल और AIIMS, दिल्ली), शादाब मोहम्मद (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ) और मम्मी चांडी (शामिल हैं) टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता में निदेशक) शामिल हैं.

इसके अतिरिक्त, खेल जगत से 9 प्रमुख खिलाड़ियों का चयन किया गया है. गौतम गंभीर (क्रिकेट), बोम्बायला देवी लेशराम (तीरंदाजी), हरिका द्रोणावल्ली (शतरंज), प्रशांति सिंह (बास्केटबॉल), सुनील छेत्री (फुटबॉल), बछेंद्री पाल (पर्वतारोहण), शरथनाथ कमल (टेबल टेनिस), अजय ठाकुर (कबड्डी) और बजरंग पुनिया (कुश्ती).

ये भी पढ़ें - कैसे फेसबुक,व्हाट्सएप की मदद से बन गया सफल किसान

पद्म पुरस्कार 2019 में आदिवासी नेता करिया मुंडा, समाजवादी नेता हुकुमदेव नारायण यादव, सिख नेता सुखदेव सिंह ढींडसा, जमींदार महादलित महिला नेता भागीरथी देवी और सिख वकील शामिल हैं. जिन्होंने 1984 के दंगा पीड़ितों हरविंदर सिंह फूलका के लिए लड़ाई लड़ी थी.

विदेशों में भारत के साथी, जिन्हें सम्मानित किया जाएगा, वे रंगभेद विरोधी नेता और दक्षिण अफ्रीका के वर्तमान मंत्री प्रवीण गोरधनंद और जिबूती के अध्यक्ष इस्माइल उमर गुलेह हैं, जिन्होंने युद्धग्रस्त यमन के हजारों भारतीय नागरिकों को बचाने में बड़ी भूमिका निभाई.

सरकार ने पद्म पुरस्कार जिन्हें 'सरकारी पुरस्कार' कहा जाता है उन्हें 'लोगों के पुरस्कारों' के नाम में बदल दिया है. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सभी पुरस्कार विजेताओं का मूल्यांकन मजबूत और सावधानीपूर्वक और निष्पक्ष तरीके से किया गया है.

English Summary: Padma Awards 2019: Awardees include 12 Farmers, 14 Doctors & 9 Sportspersons
Published on: 28 January 2019, 12:38 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now