Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 17 February, 2022 4:36 PM IST
किसान अनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों (GM Crops)

देश में किसान संगठन एक बार फिर से सरकार के विरुद्ध आंदोलन करने की तैयारी में है. इस बार किसान अनुवांशिक रूप से संशोधित फसलों (GM Crops)  की खेती से रोक हटाने की मांग को लेकर आगे बढ़ने के बारे में विचार कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार के द्वारा लगाई गई GM  फसलों की खेती पर रोक के फैसले को वापस लेना होगा.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के शेतकारी किसान संगठन ने इस बात को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिख चुके है. उनका कहना है कि अगर सरकार की तरफ से इस मामले को लेकर कुछ जवाब नहीं आता है, तो वह गुरुवार से ही आंदोलन की शुरुआत कर देंगे.

क्या है जीएम (what is GM)

जीएम को अगर हम सीधे और सरल भाषा में कहें, तो यह एक जैविक तरीके और कृत्रिम तरीके से बनाई गई फसल का एक बीज होता है. यह जैविक बीज साधारण बीज से कहीं ज्यादा उत्पादकता करते है. एक सर्वे के अनुसार यह पनपे संकर बीज से भी ज्यादा में उत्पादन देने में सफल होते हैं.

प्रधानमंत्री को लिखा पत्र (letter to prime minister)

17 जनवरी को स्वतंत्र भारत पार्टी के अध्यक्ष अनिल घनवत ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि जीएम फसलों पर लगी रोक को 16 फरवरी तक हटा लिया जाए. यह हम सब किसानों की मांग है, लेकिन पत्र लिखने के इतने दिन बाद भी सरकार की ओर से अब तक न कोई जवाब आया है और ना ही इस विषय में कोई कार्रवाई की गई है.

अब हमारे पास आंदोलन शुरू करने के अलावा और कोई रास्ता शेष नहीं रह जाता है. किसान संगठन ने बताया कि किसानों के द्वारा गुरूवार को अगदनगर जिले के श्रीगोंडा में अवैध बीटी बैंगन की रोपाई शुरू की जाएगी.

शेतकारी किसान संगठन की मांग (Demand for Shetkari Farmer Organization)

शेतकारी किसान संगठन का कहना है कि सरकार को किसानों की भलाई के लिए यह घोषणा करनी चाहिए कि जीएम कपास का मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा. उन्हें यह भी कहना चाहिए की देश में व्यावसायिक खेती करने के लिए जीएम कपास को मंजूरी दी है.

इसके अलावा संगठन ने यह भी बताया कि पिछले साल राज्यसभा में पर्यावरण मंत्रालय की और से यह बताया गया था कि जीएम कपास की खेती से मानव स्वास्थ्य, पर्यावरण और पक्षियों पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा है. यह सब होने के बाद भी सरकार किसानों को जीएम फसलों की खेती करने से क्यों रोक रही है. सरकार को तुरंत अपने फैसले को वापस लेना चाहिए.

एक जानकारी के मुताबिक, भारत में जीएम बीजों का करोड़ों का बाजार उपलब्ध है. ऐसे में सरकार को जीएम की कालाबाजारी की कई शिकायतें मिलती रहती है. इसके लिए सरकार ने सख्त कदम उठाने का भी आदेश दिया है. जीएम भ्रष्टाचारी में पकड़े गए व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.

English Summary: Once again the beginning of the farmers' movement, the government should withdraw the ban on GM crops
Published on: 17 February 2022, 04:41 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now