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Updated on: 7 April, 2022 10:05 PM IST
Wind Turbine Technology

दुनियाभर में सौर ऊर्जा का उपयोग तेज़ी से हो रहा है, क्योंकि पारंपरिक ऊर्जा स्रोत से उत्पन्न होने वाली बिजली की कीमत सौर्य उर्जा से उत्पन्न होने वाली बिजली की कीमत के मुकाबले बहुत अधिक होती है. ऐसे में लोगों का रुझान सौर्य उर्जा की ओर बढ़ रहा है, साथ ही सौर्य उर्जा पर्यावरण संरक्षण के लिए अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाती है.

सौर्य उर्जा का बढ़ता प्रचलन देख अब कई वैज्ञानिकों ने भी सौर्य उर्जा पैदा करने की नई – नई तकनीकों को विकसित किया है. इसी क्रम में इस्तांबुल टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने हवा से बिजली पैदा करने की विंड टरबाइन तकनीक विकसित की है. जिस तकनीक से हवा के जरिये बिजली पैदा होगी.

इस विंड टरबाइन तकनीक का नाम ENLIL  है. इसके इस्तेमाल से बिजली को एक ही यंत्र से दो तरह पैदा किया सकता है. जी हाँ एक तरफ बिजली हवा के जरिये पैदा की जा रही है, तो वहीँ इस टरबाइन तकनीक में ऊपर की ओर लगे सोलर पैनेल्स से भी बिजली पैदा की जा रही है. इस तरीके एक ही तकनीक से बिजली को दो तरह से पैदा किया जा रहा है, साथ ही यह तकनीक आसपास के तापमान, आद्रता, कार्बन फुटप्रिंट और भूकंपीय गतिविधियों का भी रिकॉर्ड रखती है.

कैसे कार्य करता है विंड टरबाइन तकनीक (How Wind Turbine Technology Works)

दरअसल, जब सड़कों पर गाड़ियाँ तेज़ी से चलती हैं, तो विंड टरबाइन में लगे पंखे हवा के भाव से घूमते हैं, जो बिजली पैदा करने में मदद करता है. इसके अगल - बगल लगे ब्लेड्स तेज़ हवाओं की मदद से हर घंटे उर्जा पैदा करती है. यह तकनीक करीब 20 साल तक सफल कम करने के योग्य मानी जा रही है. साथ ही इसके इस्तेमाल से जगह भी की बचत भी होती है.

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उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने दी जानकारी (Industrialist Anand Mahindra Gave Information)

वहीँ उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से विंड टरबाइन तकनीक भारत की सड़कों पर लगाने की अपील भी की है. वहीँ भारत में बढ़ते यातायात को देखते हुए पवन उर्जा को वैश्विक ताकत बनाने पर काम किया जा रहा है. जिसमें अब विंड टरबाइन तकनीक को उपयोग करने की तैयारियां की जा रही हैं.

आपको बता दें प्रसिद्ध उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने हाल ही में  अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इस्तांबुल टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा सड़कों पर विंड टरबाइन लगाए गए हैं.

English Summary: Now running trains will generate electricity, know how
Published on: 07 April 2022, 05:35 PM IST

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