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Updated on: 4 December, 2022 1:45 PM IST
देश में पहली बार कृषि विवि के नेतृत्व में राष्ट्रीय सेवा योजना

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने हाल ही में कुलपति डॉ. केके सिंह ने पार्थेनियम मुक्त भारत राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme) की पहल का शुभारंभ किया था. बता दें कि इस पहल को देश में पहली बार कृषि विवि के नेतृत्व में प्रारंभ किया गया. जिसमें, राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपना अहम योगदान दिया. ताकि इससे होने वाली परेशानियों से लोग सुरक्षित रह सकें.

खेती के लिए हानिकारक पार्थेनियम

इस मिशन के दौरान कुलपति डॉ. केके सिंह ने बताया कि पार्थेनियम सबसे अधिक हानिकारक खरपतवारों में से एक है, जो इस समय चारागाह भूमि, खेती वाले क्षेत्रों, सड़कों के किनारे, मनोरंजन वाले क्षेत्रों, नदी के किनारे और बाढ़ के मैदानों पर तेजी से फैल रहा है.

आपकी जानकारी के लिए बात दें कि इस तरह का हानिकारक पौधा सभी प्रकार की मिट्टी में सरलता से उग सकता है. यह पौधे खरपतवार नमी और तापमान के चलते तेजी से विकसित होने लगते हैं. यह फोटोपीरियड और थर्मोपीरियड असंवेदनशील हैं और सालभर यह पौधा सरलता से खिलसकते हैं. इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि यह पौधा खेती के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद हानिकारक हैं. 

राष्ट्रीय सेवा योजना (National Service Scheme)

मानव और पशु स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव

कुलपति डॉ. केके सिंह ने बताया कि अगर स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो यह पार्थेनियम पराग नाक और ब्रोन्कियल एलर्जी का मुख्य स्त्रोत है. इसके अलावा इस पौधे से अन्य कई तरह की बीमारी भी हो सकती है. जैसे कि शरीर पर खुजली, बालों का झड़ना, त्वचा का अपचयन, अल्सर का विकास, मुंह और आंत में घाव आदि परेशानी हो जाती है. देखा जाए तो यह पशुओं में तीव्र और पुरानी दोनों तरह की विषाक्तता का कारण बनता है. इसके इस्तेमाल से पशुओं में दूध की पैदावार में कमी होती है और अन्य कई दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है.

पार्थेनियम मुक्त भारत का संकल्प

इन सब परेशानियों को देखते हुए कुलपति डॉ. केके सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्रों को पार्थेनियम मुक्त भारत का संकल्प दिलाया और साथ ही लोगों को भी इस पौधे के प्रति जागरूक भी कराया. इसके बाद कृषि विवि में छात्रों ने पार्थेनियम को खत्म करने की शुरुआत की और साथ ही कुलपति ने छात्रों को वातावरण इको फ्रेंडली बनाने, अधिक से अधिक वृक्षारोपण करने, पॉलिथीन के प्रयोग न करने का भी संकल्प दिलाया.

इस मशीन के दौरान कुलसचिव डॉ. बीआर सिंह, डॉ. राजीव सिंह, प्रो. विवेक धामा, प्रो. रविंद्र कुमार, डॉ. पुष्पेंद्र कुमार, प्रो. आर एस सेंगर, डॉ. निलेश कपूर, डॉ. पंकज चौहान, डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. विपिन कुमार, डॉ. निलेश चौहान, डॉ. अर्चना आर्य,  डॉ. विपुल ठाकुर, डॉ. शैलजा, डॉ. दीपक, मिश्रा, डॉ. अशोक यादव,  मनोज सेंगर, डॉ. विपिन बालियान, डॉ. दान सिंह आदि मौजूद रहे.

English Summary: National service scheme Students enthusiastically participated in the resolution to make a parthenium-free India
Published on: 04 December 2022, 01:50 PM IST

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