किसान भाइयों की मदद के लिए राज्य सरकार हमेशा कुछ ना कुछ नई योजनाओं के माध्यम से उनकी आर्थिक मदद के साथ आय बढ़ाने के लिए भी नए-नए रास्ते खोजती रहती है.
इसी क्रम में हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल ने भी किसानों की मदद के लिए एक बेहतरीन तकनीक का इस्तेमाल करने के बारे में बताया कि सनातन धर्म में गो माता को सर्वोच्च स्थान दिया गया है. इसलिए गौ माता की सेवा पुण्य का कार्य है. आगे उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की भलाई के लिए गौशालाओं में गोमूत्र और गोबर से खाद व अन्य कई दवाई बनाई जाएंगी. ऐसा करने से पशुपालकों की आमदनी भी बढ़ेगी और किसानों को भी लाभ प्राप्त होगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कृषि मंत्री जेपी दलाल ने शनिवार के दिन जनसंपर्क अभियान (public relations campaign) के तहत गांव बहल की श्री अलख गौशाला का उद्घाटन के बाद आस-पास के गांव का भी दौरा किया और साथ ही कई ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनी. इसके अलावा उन्होंने गोशाला में सेठ रमेश चौधरी परिवार के साथ मिलकर 15 लाख से बनवाए शेड का लोकार्पण किया.
किसान परंपरागत खेती को छोड़े (Farmers leave traditional farming)
सरकार के द्वारा किसानों के लिए कई तरह के कार्य किए जाते हैं. जिसकी मदद से वह अपनी परंपरागत खेती को छोड़ अन्य फसल व कार्य से अपनी आमदनी में बढ़ोत्तरी कर सके. अधिक लाभ कमाने के लिए किसानों को अपनी परंपरागत खेती को छोड़ बागवानी, पशुपालन, मछली पालन आदि को अपनाना चाहिए. इन सब के लिए सरकार की तरफ से भी किसानों को बेहतर सब्सिडी की मदद की जाती है.
प्रदेश में किसानों के लिए रोजगार की उत्पत्ति (Generation of employment for farmers in the state)
किसानों की तरफ ध्यान देते हुए दलाल ने कहा कि इनकी आय व रोजगार बढ़ाने के लिए जिले के गांव गोकुलपुरा में लगभग 63 एकड़ में कृषि विश्वविधालय (agricultural university) का रीजनल सेंटर और साथ ही पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए भी बहल में लुवास का बड़ा पशु चिकित्सा संस्थान स्थापित की जाएगा.
ये ही नहीं बागवानी को बढ़ाना देने के लिए गांव खरकड़ी में महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल का उत्कृष्टता केंद्र व गिगनाऊ में इंडो इजराईल तकनीक पर आधारित बागवानी केंद्र के कार्य को भी जल्द ही पूरा किया जाएगा. इसके अलावा गांव में वीटा मिल्ट प्लांट का केंद्र और मछली पालन संस्थान (fish farming institute) को तैयार किया जा रहा है. जिससे प्रदेश के किसानों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े.