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Updated on: 27 August, 2021 6:35 PM IST
Soyameal

यूं तो सारे फैसले किसानों के हित में ही लिए जाते हैं, लेकिन कई बार किसानों के संदर्भ में लिए गए फैसलों के बारे में भी राजनीति होने लगती है. कुछ ऐसा ही केंद्र सरकार के फैसले को लेकर भी हो रहा है.अभी हाल ही में केंद्र सरकार ने सोयामील के आयात को मंजूरी दे दी थी. इस लेख में पढ़ें आखिर केंद्र सरकार के किसानों के संदर्भ में लिए गए इस फैसले पर महाराष्ट्र सरकार को क्यों है ऐतराज?

दरअसल, महाराष्ट्र के कृषि मंत्री दादाजी कुसी ने केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे अपने पत्र में केंद्र सरकार के उक्त फैसले को किसानों के लिए अहितकर बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले से किसानों को नुकसान हो रहा है. उन्होने पत्र में लिखा है कि केंद्र सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की दरकार है.

सोयामील का उपयोग पशुओं व मुर्गियों के आहार के रूप में भी किया जा रहा है. सरकार को चाहिए कि अपने उक्त फैसले पर पुनर्विचार करें.खैर, महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार का ध्यान किसानों को हो रही समस्याओं की ओर आकृष्ट कर दिया है. आगे पढ़ें सोयामील के बारे में

सोयामील क्या होता है

सोयाबीन के बीजों से तैयार होने वाले उत्पाद को सोयामील कहते हैं. इसे मूलत: पशुओं के आहार के रूप में उपयोग किया जाता है. इसकी मांग हमेशा बाजार में रहती है. लेकिन अब सरकार द्वारा जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) सोयाबीन से तैयार सोयामील के आयात के निर्देश दिए गए है, जिससे यहां के सोयबीन किसानों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. 

उन्हें उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है, जिसके मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार को ख़त लिखा है.देश में दो ऐसे प्रमुख राज्य हैं, जहां बड़े पैमाने पर सोयाबीन का उत्पादन किया जाता है, जिसमें सबसे बड़ा उत्पादक राज्य मध्य प्रदेश और दूसरा बड़ा राज्य महाराष्ट्र है.

लेकिन यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि मध्यप्रदेश में अभी तक केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ किसी भी प्रकार का विरोधी स्वर सुनने क नहीं मिल रहा है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार के इस फैसले का खुलकर विरोध कर रहा है. 

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English Summary: Maharashtra government called the decision of the Center harmful for the farmers
Published on: 27 August 2021, 06:40 PM IST

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