Prasuti Sahayata Yojana: श्रमिक महिलाओं को राज्य सरकार देगी 21,000 रुपए तक की आर्थिक मदद, जानें आवेदन प्रक्रिया! धान की इस किस्म से किसानों को मिल रहा जबरदस्त फायदा, 110 दिनों में होती है तैयार, प्रति एकड़ उत्पादन क्षमता 32 क्विंटल तक! Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ Diggi Subsidy Scheme: किसानों को डिग्गी निर्माण पर मिलेगा 3,40,000 रुपये का अनुदान, जानें कैसे करें आवेदन फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Tarbandi Yojana: अब 2 बीघा जमीन वाले किसानों को भी मिलेगा तारबंदी योजना का लाभ, जानें कैसे उठाएं लाभ? Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 22 March, 2022 3:33 PM IST
Farmers are becoming self reliant

पिछले 15 सालों से मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल करता हुआ किसानों को उन्नति और आत्मनिर्भरता के पथ पर आगे ले जा रहा है .  जब से मुख्यमंत्री के तौर पर श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की कमान संभाली तब से खेती के क्षेत्र में प्रदेश ने अपनी नई पहचान बनाई है. शिवराज सिंह चौहान 2005 से 2018 तक लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, इन 13 सालों में खेती उत्पादन में वृद्धि, सिंचाई क्षमता में इजाफा, किसानों की आर्थिक उन्नति और उनके सशक्तिकरण की दिशा में अनेकों अदभुत एवं प्रशंसनीय कार्य हुए.  

23 मार्च 2020 को जब बतौर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश की कमान संभाली तब सरकार के सामने कोरोना महामारी का महासंकट था. लेकिन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार ने कोरोना से लड़ने के साथ-साथ अर्थव्यवस्था संभालने और किसानों को संकट से निकालने के लिए भी प्रतिबद्धता दिखाई .

दो साल में किसानों को दिये 1 लाख 72 हजार करोड़

खेती को लाभ का व्यवसाय बनाकर किसानों को आत्मनिर्भर बनाना ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है . प्रदेश का किसान सक्षम और प्रगतिशील होगा तो ही प्रदेश विकासशील बन पायेगा . विगत 2 सालों में शिवराज सरकार ने किसानों को फसल उपार्जन, फसल बीमा, फसल हानि राहत, बिजली सब्सिडी आदि किसानों - कल्याण की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों के खातों में 1 लाख 72 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि डाली है.

देश में फसल बीमा की अब तक की सबसे बड़ी राशि भी मध्यप्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना के तहत खातों में डाली गई. 12 फरवरी, 2022 को बैतूल के किसान महासम्मेलन में 49 लाख 85 किसानों के खातों में 7 हजार 618 करोड़ रुपए की फसल बीमा राशि सिंगल क्लिक से भेजी गई थी.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक आपदाओं से आए संकट के समय किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर उन्हें संबल दिया है. मुख्यमंत्री ने खराब फसलों का निरीक्षण स्वयं किया, गांव-गांव  सर्वे कराये, छुट्टी के दिन भी ऑफिस खुलवाया और पूरी ताकत लगाकर किसान भाई-बहनों को राहत राशि दी . अतिवृष्टि और कीट प्रकोप के संकट की घड़ी में सरकार द्वारा राहत राशि के रूप में लगभग 3 हजार 500 करोड़ रूपये की सहायता किसान भाई-बहनों को दी. इसके साथ ही किसानों को बिजली सब्सिडी और शून्य ब्याज दर पर दो साल में 26 हजार करोड़ के ऋण किसानों को उपलब्ध कराने का काम राज्य की शिवराज सरकार ने किया है.

मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना

किसानों की आमदनी बढ़ाने के संकल्प को साकार करने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की तर्ज पर मुख्ममंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने चौथे कार्यकाल में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की शुरूआत भी की. जिसके अंतर्गत प्रदेश के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के 6 हजार रूपये वार्षिक के अतिरिक्ति 04 हजार रूपये प्रदेश सरकार भी दे रही है. इस योजना में पिछले दो सालों में 76 लाख 53 हजार से अधिक किसानों के खातों में 15 हजार करोड़ रूपए की राशि डाली गई है.

कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश की अभूतपूर्व उपलब्धियां

प्रदेश के किसानों को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए जो प्रतिबद्धता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिखा रहे हैं वह संभवत: मध्यप्रदेश में पहले कभी नहीं देखी गई. किसान कल्याण के लिए सरकार की इसी इच्छाशक्ति और किसानों के परिश्रम ने मध्यप्रदेश को कृषि उत्पादन और योजना संचालन में बेहतर प्रदर्शन के लिए 7 बार कृषि कर्मण पुरस्कार दिलाया.  

कोरोना काल में प्रदेश के 15 लाख 81 हजार किसानों से 1 करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जित कर पंजाब को पछाड़ते हुए गेहूं उपार्जन में मध्‍यप्रदेश देश  में नम्‍बर 1 राज्‍य बना. आज प्रदेश का कृषि उत्पादन बढ़कर 6 करोड़ 59 मी.टन हो गया है जो वर्ष 2004-05 में मात्र 2 करोड़ 38 लाख मी.टन था . प्रदेश में 2003 के पहले जिन जमीनों को बंजर कहा जाता था वहां आज फसलें लह-लहा रही हैं . पहले जहां फसलें सिंचाई के अभाव में सूख जाती थीं और किसान बूंद-बूंद पानी के लिए तरसते थे वहां आज सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता है. मध्यप्रदेश सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज वर्ष 2003 में हमारी सिंचाई क्षमता केवल 7 लाख 68 हजार हेक्‍टेयर थी जो आज बढ़कर 43 लाख हेक्‍टेयर से अधिक हो गई है. पिछले 2 वर्षो में 2 लाख 85 हजार हेक्‍टेयर की नई सिंचाई क्षमता विकसित की गई है.

कृषि विकास के क्षेत्र में सर्वोपरि है मध्यप्रदेश

अन्नदाता के कठिन परिश्रम से आज प्रदेश कृषि विकास के क्षेत्र में सर्वोपरि है. प्रदेश आज दलहन-तिलहन के क्षेत्र और उत्पादन में देश में प्रथम है. मध्यप्रदेश सोयाबीन, उड़द के क्षेत्र एवं उत्पादन में देश में प्रथम है. गेहूँ, मसूर, मक्का एवं तिल फसल के क्षेत्र एवं उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है. सम्पूर्ण खाद्यान्न फसलों के उत्पादन में प्रदेश का देश में तीसरा स्थान है.

जैविक खेती में सर्वप्रथम है मध्यप्रदेश

विगत दो सालों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्यप्रदेश को जैविक खेती अग्रणी बनाने के संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं. इसी का नतीजा है कि आज प्रदेश में जैविक खेती का कुल क्षेत्र लगभग 16 लाख 37 हजार हेक्टेयर है जो देश में सर्वाधिक है. जैविक उत्पाद का उत्पादन 14 लाख 2 हजार मी.टन रहा, जो क्षेत्रफल की भाँति ही देश में सर्वाधिक है.

शिवराज सिंह चौहान जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को विभिन्न आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही किसानों को प्रशिक्षण दिलाने का काम भी कर रहे हैं.  जैविक खेती को प्रोत्साहन स्वरूप प्रदेश में कुल 17 लाख 31 हजार क्षेत्र हेक्टेयर जैविक प्रमाणिक है, जिसमें से 16 लाख 38 हजार एपीडा से और 93 हजार हेक्टेयर क्षेत्र, पी.जी.एस. से पंजीकृत है. प्रदेश ने पिछले वित्त वर्ष में 2683 करोड़ रूपये के मूल्य के 5 लाख मी.टन से अधिक के जैविक उत्पाद निर्यात किये हैं.

किसी भी राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान होता है. आज मध्यप्रदेश अर्थ-व्यवस्था  की दृष्टि से देश का सबसे तेजी से आगे बढ़ता हुआ राज्य है. मध्यप्रदेश वर्ष 21-22 में प्रचलित दरों पर 19.7% विकास दर हासिल करने में सफल रहा है, जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. किसानों को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प और खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने की इच्छाशक्ति की बदौलत ही आज मध्यप्रदेश कृषि क्षेत्र में अनगिनत उपलब्धियां हासिल कर पाया है. विगत दो सालों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्नदाता के हित में सरकारी खजाने खोले हैं, किसान-कल्याण से जुड़ी योजनाओं के संचालन में पैसों की कोई कमी नहीं आने दी यही कारण है कि आज मध्यप्रदेश खेती में उन्नत है और प्रदेश का अन्नदाता आत्मनिर्भर के पथ पर अग्रसर....  

English Summary: Madhya Pradesh government gave assistance of more than 1 lakh 72 thousand crore rupees to farmers in 2 years
Published on: 22 March 2022, 03:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now