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Updated on: 9 April, 2021 5:14 PM IST
Solar Cap

भले ही शहरीकरण के इस दौर में हमारा पूरा दिन गगनचुंबी इमारतों के अंदर बीतता हो, लेकिन हम चाहकर भी अपने आपको गांव की उन कच्ची सड़कें, कुएं के पानी, खेतों में काम करते किसान, खेतों में चरती गायों सरीखे दृश्यों को अपने जेहन से कभी अलहदा नहीं कर सकते हैं. बेशक, आधुनिकरण के इस दौर में आज हमने शहरों की ओर रूख करना शुरू कर दिया हो. गांवों की संस्कृति अपने समाप्ति के मुहाने पर दस्तक दे चुकी हो, लेकिन गांव, किसान, खेत व खलिहान की महत्ता को कभी गौण नहीं किया जा सकता. इसी का तो नतीजा है कि आजादी के सात दशकों के बाद से लेकर अब तक बेशुमार हुकूमतें हिंदुस्तान की सत्ता पर तख्तनशी रही है, लेकिन हमेशा से उनकी किताबों में किसानों की इबारतें अमिट रही.

यूं तो आजादी के सात दशकों के बाद भी किसान भाइयों की समस्याओं की फेहरिस्त काफी लंबी है और सरकार किसानों को उनकी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए आगे क्या कुछ करती है. यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में छुपा है, लेकिन इस रिपोर्ट में हम आपको वैज्ञानिकों की उस तकनीक से रूबरू कराने जा रहे हैं, जो किसानों को तपिश भरी गर्मी से महफूज रखने में कारगर साबित हो सकती है. आखिर इन वैज्ञानिकों ने किसानों को तपिश भरी धूप से निजात दिलाने के लिए क्या कुछ कदम उठाया है, जानने के लिए पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट.. 

शहरों में रहने वाले लोग बड़े आरामतलब होते हैं. वे अपने बेशकीमती संसाधानों के दम पर मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों को अपने अनुकूल ढाल लेते हैं, लेकिन खेतों में दिन रात काम करने वाले किसान भाइयों के साथ ऐसा नहीं होता है. उन्हें मौसम की हर चुनौतियों का दट कर सामना करना होता है. इसी कड़ी में अब वैज्ञानिक ने किसानों को तपिश भरी धूप से बचाने के लिए सोलर पगड़ी तैयार की है.

आमतौर पर किसान भाई खेती करते समय में अपने सिर पर धूप से बचाव करने हेतु पगड़ीनुमा कोई कपड़ा रख लेते हैं, लेकिन अफसोस यह उतना कारगर साबित नहीं हो पाता है, जिसका नतीजा यह होता है कि किसानों को धूप में काम करते समय विभिन्न प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ता है. किसानों द्वारा झेली जाने वाली इन्हीं सब परेशानियों को ध्यान में रखते हुए वैज्ञानिकों ने पगड़ीनुमा सोलर तैयार किया है, जिसे पहनकर अब किसान भाई खेतों में काम कर सकते हैं. आइए इस रिपोर्ट में हम आपको सोलर पगड़ी की विशेषता के बारे में बताते हैं.

सोलर पगड़ी की विशेषता

इस सोलर पगड़ी का वजन बिल्कुल हल्का रखा गया है, ताकि किसानों को यह बोझिल न लगे. इसका कोई साइडिफेक्ट भी नहीं है. इस पगड़ी को महराणा प्रताप कृषि और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. इस पगड़ी की उपयोगिता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि यह सोलर पगड़ी न महज आपको तपिश भरी धूप से महफूज रखेगी बल्कि यह आपके तन-मन को बिल्कुल शीतल बनाकर रखेगी. वैज्ञानिकों ने इस पगड़ी में एक पंखा भी लगाया है, जो प्राकृतिक से उर्जा प्राप्त कर किसानों को प्रदान करती है. इस सोलर कैप को आईसीएमआर वित्त पोषित श्रम विज्ञान और सुरक्षा पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना के तहत तैयार किया गया है.

कितनी आई है लागत

इस कैप को तैयार करने में कुल 2 हजार रूपए की लागत आई है. इस कैप में 3 वॉट का पैनल लगाया गया है. वहीं, 2.5 वॉट का फैन  भी लगाया गया है. यह कैप स्वचालित है. धूप में बाहर निकलते ही सोलर कैप में लगा पंखा अपने आप घूमने लगता है. हालांकि, वैज्ञानिकों ने इसमें ऑन ऑफ का स्विच भी दिया है, जिसे अपनी सुविधा के अनुसार ऑन-ऑफ कर सकते हैं. 

English Summary: know the details about solar cap
Published on: 09 April 2021, 05:27 PM IST

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