दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने आज यानी 26 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 78,500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ एक "रोजगार बजट" (Rozgar Budget) पेश किया है. इसमें इलेक्ट्रॉनिक शहर की स्थापना, रात को नौकरियों को बढ़ावा (Night Shifts Jobs), राष्ट्रीय राजधानी में अर्थव्यवस्था, खुदरा और थोक बाजार को लेकर पांच साल में 20 लाख नौकरियां पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
रोजगार बजट की सुर्खियां (Rozgar Budget Highlights)
अगले वित्तीय वर्ष के लिए बजट का आकार पिछले वर्ष की तुलना में 9.86 प्रतिशत अधिक है जोकि 69,000 करोड़ रुपये था. इसी संदर्भ में मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे COVID-19 के प्रभाव से उबर रही है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली सरकार अपने विभागों और एजेंसियों के लिए बजट आवंटन का रोजगार ऑडिट करेगी.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि "रोजगार बजट" (Rozgar Budget) दिल्ली की अर्थव्यवस्था को प्रगति के पथ पर ले जाएगा और लाखों रोजगार के अवसर पैदा करेगा." इसी कड़ी में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बजट पेश करने के लिए अपने डिप्टी की सराहना की है.
दिल्ली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि "दिल्ली में 'रोजगार बजट' (Rozgar Budget) पेश करने के लिए उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया को बहुत-बहुत बधाई. यह बजट युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करेगा. इस बजट में दिल्ली के हर वर्ग का ध्यान रखा गया है."
आपकी जानकारी के लिए बता दें की 2022-23 के बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को 9,669 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने शिक्षा के लिए 16,278 करोड़ रुपये अलग रखे हैं.
वहीं लगातार आठवें वर्ष बजट पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि " दिल्ली सरकार अगले पांच वर्षों में 20 लाख नौकरियां पैदा करने के लिए 4,500 करोड़ रुपये खर्च करेगी और 2022-23 में 800 करोड़ रुपये अलग रखे जाएंगे.
अपने "रोजगार बजट" (Rozgar Budget) के तहत, केजरीवाल सरकार शहर में खुदरा और थोक बाजारों को बढ़ावा देने के लिए शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी, ताकि इन जगहों को पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाया जा सके और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए रोजगार सृजित किया जा सके. इसके लिए 2022-23 के बजट में 250 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है.
आगे सिसोदिया का कहना है कि “जब सरकारी स्कूलों में सुधार और नौकरियां पैदा करने की बात आती है तो अन्य राज्यों ने केजरीवाल के शासन के मॉडल से बहुत कुछ सीखा है. मुझे विश्वास है कि इस 'रोजगार बजट' से दिल्लीवासियों को फायदा होगा. अगले एक या दो वर्षों में, राज्य सरकारें इससे (Rozgar Budget) सीखेंगी कि कैसे सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र लोगों को अवसर प्रदान कर सकते हैं."
इसके अलावा Rozgar Budget में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि स्मार्ट शहरी खेती को बढ़ावा दिया जाएगा और पूसा संस्थान के सहयोग से एक जन आंदोलन में बदल दिया जाएगा, जिससे 25,000 नए रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली के युवाओं, विशेषकर महिलाओं को हर साल कम से कम एक लाख रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक कृत्रिम बुद्धि-आधारित वेबसाइट और एक मोबाइल एप्लिकेशन "रोजगार बाजार 2.0" (Rozgar Baazar 2.0) शुरू किया जाएगा.
सिसोदिया ने कहा कि बड़ी आईटी कंपनियों को आकर्षित करके 80,000 नौकरियां पैदा करने के लिए बापरोला में एक इलेक्ट्रॉनिक शहर की स्थापना की जाएगी साथ ही एक "खाद्य ट्रक नीति" भी पेश की जाएगी जिसके तहत स्थानीय व्यंजनों को बढ़ावा दिया जाएगा. बता दें कि इन खाद्य ट्रकों को रात 8 बजे से सुबह 2 बजे तक सड़कों पर चलने की अनुमति दी जाएगी, जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में रात की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है.
Rozgar Budget में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट आवंटन के बारे में बात करते हुए, सिसोदिया ने कहा कि सरकारी अस्पतालों के उन्नयन के लिए 1,900 करोड़ रुपये की राशि का प्रस्ताव किया गया है. 2022-23 के बजट में "मोहल्ला क्लीनिक" और पॉलीक्लिनिक के लिए 475 करोड़ रुपये की राशि अलग रखी गई है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि “हमने COVID-19 महामारी से निपटा है, लेकिन हम सभी देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को हुए गंभीर नुकसान से अवगत हैं. दिल्ली भी इससे अछूता नहीं है. साथ ही सिसोदिया ने यह भी दावा किया कि पीने के पानी की उपलब्धता में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और अगले दो वर्षों में यमुना नदी पूरी तरह से साफ हो जाएगी.