Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 4 September, 2021 8:12 PM IST
Wheat Production

इस बार दुनिया के कई देशों में गेहूं का उत्पादन कम हुआ है, जिसकी वजह से भारतीय गेहूं की मांग बढ़ी है. कई देश गेहूं की आपूर्ति करने हेतु भारत द्वारा निर्यात किए जा रहे गेहूं पर ही आश्रित हैं. वहीं, इसके विपरीत भारत में अधिक मात्रा में गेहूं का उत्पादन हुआ है, जिसकी वजह से भारत विश्व स्तर पर गेहूं आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरकर सामने आ रहा है.

उधर, विश्व स्तर पर बढ़ी गेहूं की मांग की वजह से अब इसकी कीमत में भी इजाफा हो रहा है, जिससे यहां के गेहूं उत्पादकों को अच्छा मुनाफा कमाने के लिए एक सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ है. हालांकि, हर बार भारत विश्व स्तर पर गेहूं का निर्यात करता है, लेकिन इस बार काफी ज्यादा मात्रा में भारत की तरफ से गेहूं का निर्यात किया जा रहा है. इस लेख में आंकड़ों के साथ पढ़ें कि भारत द्वारा कितनी मात्रा में गेहूं का निर्यात अन्य देशों को किया जा रहा है.

ओलम एग्री इंडिया के उपाध्यक्ष नितिन त्यागी के अनुसार इस वित्त वर्ष में २५ से ३० लाख टन गेहूं का निर्यात किया जा सकता है. अब तक भारत की तरफ से विश्व बाजार में १.५ मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया जा चुका है. इस बार विश्व के कई देशों में गेहूं का कम उत्पादन हुआ है, जिसकी वजह से विश्व बाजार में भारतीय गेहूं की मांग बढ़ी है.

वहीं, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के दौरान गेहूं का निर्यात १.१ मिलियन टन हो चुका है. इसका मूल्य 2,142 करोड़ रुपये था. एक साल पहले इसी अवधि के दौरान, निर्यात 0.11 मिलियन टन था और इस निर्यात की कीमत 234 करोड़ रुपये थी.

पिछले वर्ष कितना हुआ था निर्यात

वहीं, जिस तरह विश्व स्तर पर भारतीय गेहूं की मांग में इजाफ़ा हुआ है, उसे ध्यान में रखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि इस बार पिछले साल का भी रिकॉर्ड टूट सकता है. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2014-15 में सबसे अधिक २.९  मिलयन गेहूं का निर्यात किया गया था. अब इस वर्ष भारत विश्व बाजार में इस बार कितनी मात्रा में गेहूं का निर्यात करता है. यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा.

इन देशों को निर्यात किया जा रहा है गेहूं

पश्चिम एशिया के देशों को गेहूं का सर्वाधिक मात्रा में निर्यात किया जा रहा है, जिसमें इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, कतर समेत कई  देश शामिल हैं. माना जा रहा है कि इससे विश्व के कई देशों से भारत के ताल्लुकात मजबूत होंगे.

English Summary: India is supplying wheat to many countries of the world
Published on: 04 September 2021, 08:15 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now