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Updated on: 16 September, 2022 5:48 PM IST
Crop Advisory and Plant Protection

पंजाब के किसानों को सलाह दी जाती है कि वे इस अवधि के दौरान मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए फसल संचालन करें, ताकि वह इस समय भी अधिक से अधिक लाभ प्राप्त कर सकें. तो आइए इस लेख में जानते हैं, कि मौसम विभाग ने पंजाब के किसान भाईय़ों व पशुपालकों के लिए क्या जरूरी सलाह दी है.

फसल परामर्श और पौध संरक्षण (Crop Advisory and Plant Protection)

चावल:

धान की फसल को म्यान झुलसा से बचाने के लिए खेत की मेड़ों की घास हटाकर साफ रखें. रोग के लक्षण दिखाई देने पर 150 मिली पल्सर या 26.8 ग्राम एपिक या 80 ग्राम नेटिवो या 200 मिली एमिस्टर टॉप या टिल्ट या फोलिकुर व ओरियस को 200 लीटर पानी में मिलाकर मौसम साफ होने पर प्रति एकड़ स्प्रे करें.

धान की फसल में कृंतक कीटों के प्रबंधन के लिए शाम के समय सभी छिद्रों को ढक दें और अगले दिन इन ताजा छेदों के अंदर 6 इंच गहराई पर 10 -10 ग्राम जिंक फास्फाइड का चारा डालें. बेहतर परिणाम पाने के लिए इस प्रथा को एक ही समय में पूरे गांव में अपनाएं. आवश्यकता आधारित यूरिया अनुप्रयोग के लिए पीएयू-पत्ती रंग चार्ट का प्रयोग करें.

5% से अधिक डेड हार्ट दिखाने वाले खेतों को प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में 20ml Fame 480SC (Flubendiamide) या 170g Mortar 75SG (cartap hydrochloride) या 1 लीटर Chlorpyrifos 20EC का छिड़काव करना चाहिए.

जब 5 प्लांट हॉपर प्रति पहाड़ी पानी में तैरते हैं, तो 94 मिली Pexalon 10SC (triflumezopyrim) या 80 g Osheen / Token 20 SG (dinotefuran) को 100 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाकर स्प्रे करें.

कपास:-

लीफ कर्ल प्रभावित पौधों को उखाड़ कर नष्ट कर दें. जब सफेद मक्खी की आबादी आर्थिक दहलीज स्तर (सुबह 10 बजे से पहले प्रति पत्ती छह वयस्क) तक पहुंच जाती है, तो 400 मिलीलीटर सेफिना 50DC (एफिडोपाइरोफेन) या 60 ग्राम ओशीन 20SG (डायनोट्यूब) को 100 लीटर पानी में प्रति एकड़ स्प्रे करें.

80 ग्राम उलाला (फ्लोनिकैमिड 50WG) या ओशीन 20 SG (डायनोटफ्यूरान) या 40 मिली कॉन्फिडोर 200 SL को प्रति एकड़ 100 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

यदि खेत के सर्वेक्षण के दौरान गुलाबी सुंडी के कारण 5% फूल क्षतिग्रस्त पाए जाते हैं, तो 500 मिली क्युराक्रोन 50 ईसी (प्रोफेनोफोस) या 100 ग्राम प्रोक्लेम 5 एसजी (इमामेक्टिन बेंजोएट) को 100 लीटर पानी में प्रति एकड़ स्प्रे करें.

गन्ना:-

शीर्ष बेधक क्षति स्तर से अधिक होने पर ही अंकुर के आधार पर 10 किग्रा फेरेरा 0.4GR या 12 किग्रा फुराडान/डायफरीन/फुला कर/फ्यूरी 3जी कार्बोफ्यूरान पर एकड़ लगाकर शीर्ष बेधक के हमले का प्रबंधन करें.

मिट्टी की थोड़ी खुदाई करके फसल की तुरंत हल्की सिंचाई करें.

मक्का:

अनाज की फसल पर फॉल आर्मीवर्म का प्रबंधन करने के लिए, फसल पर कोराजन 18.5 एससी (@ 0.4 मिली प्रति लीटर पानी) का छिड़काव करें. 120- 200 लीटर पानी प्रति एकड़ का प्रयोग करें. इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए स्प्रे नोजल को व्होरल की ओर निर्देशित करें.

भिंडी/ मिर्च/ बैगन

भिंडी में जस्सीद को एक या दो बार पाक्षिक अंतराल पर 80 मिली एकोटिन 5% (नीम आधारित कीटनाशक) को 100-125 लीटर पानी प्रति एकड़ में मिलाकर छिड़काव किया जा सकता है.

मिर्च में फलों के सड़ने और वापस मर जाने पर नियंत्रण के लिए 250 मिली फोलिकूर या 750 ग्राम इंडोफिल एम 45 या ब्लिटोक्स को 250 लीटर पानी में 10 दिनों के अंतराल पर प्रति एकड़ में स्प्रे करें.

बैंगन में फल और प्ररोह बेधक हमले को रोकने के लिए 80 मिली कोराजेन 18.5 एससी या 80 ग्राम प्रोक्लेम 5एसजी को 100-125 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ स्प्रे करें.

फल:

  • साइट्रस, अमरूद, आम, लीची, सपोटा, जामुन, बेल, आंवला आदि सदाबहार पौधे के रोपण के लिए इसकी अत्यधिक उपयुक्त अवधि.

  • बगीचों में और उसके आसपास उगने वाले बड़े खरपतवार जैसे कांग्रेस घास, भांग आदि को हटा देना चाहिए क्योंकि इस मौसम में इन्हें उखाड़ना बहुत आसान होता है.

  • फल मक्खी ग्रसित अमरूद के फलों को नियमित रूप से हटाकर गाड़ दें.

  • साइट्रस के बागों में फाइटोफ्थोरा (गमोसिस) के प्रबंधन के लिए यह उपयुक्त समय है; अनुशंसित प्रथाओं का पालन करें.

पशुपालन:

  • डेयरी फार्म के लिए स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था बहुत आवश्यक है.

  • दस पशुओं के लिए 6फीट लंबा, 3 फीट गहरा और 3 फीट चौड़ा पानी का कुंड पर्याप्त होता है जिसमें लगभग 1500 लीटर पानी हो सकता है.

  • पानी के कुंड की दीवारों को सफेदी से धोया जाना चाहिए,जो कि गर्त की दीवारों पर हरे शैवाल के संचय को रोकता है. हो सके तो इसे हर 15 दिन में दोहराना चाहिए.

  • साथ ही हर 3-4 घंटे में मोटर को घुमाया जा सकता है ताकि जानवरों को ताजा पानी मिल सके.

  • एक दुधारू पशु प्रतिदिन औसतन 70-80लीटर पानी पी सकता है और गर्मी में मात्रा बढ़ सकती है, इसलिए पानी अच्छी गुणवत्ता का होना चाहिए.

चिड़िया:

  • गर्म और आर्द्र मौसम में उपयोग किए जाने वाले पोल्ट्री फीड में 15-20प्रतिशत अधिक प्रोटीन, खनिज और विटामिन होना चाहिए ताकि कम फ़ीड सेवन की भरपाई की जा सके.

  • कोक्सिडियोसिस की घटनाओं से बचने के लिए बरसात के मौसम में नमी से बचें.

  • इस रोग की रोकथाम के लिए कुक्कुट आहार में Coccidiostats डालें.

  •  शेड के अंदर बारिश के प्रवेश से बचें. 6-8 सप्ताह की आयु के अपने पक्षियों को आर बी रानीखेत रोग के इंजेक्शन के साथ टीका लगवाएं.

  • इस टीके को पीने के पानी या लस्सी में न दें.

English Summary: Important information for many other crops and livestock farmers including lady's finger, chilli, brinjal
Published on: 16 September 2022, 05:53 PM IST

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