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Updated on: 23 December, 2021 12:07 PM IST
Kisan Diwas 2021

कृषि और किसानों को भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहा जाता है. वे ग्रामीण समृद्धि के एक प्रमुख कारक हैं, इसलिए किसानों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है.

इस साल भी पूरे देश में राष्ट्रीय किसान दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस मौके पर किसानों के योगदान को लेकर तमामा कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. मगर इस साल का किसान दिवस कुछ ज्यादा ही खास है, क्योंकि एक साल से सरकार के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन की जीत हुई है. सरकार ने किसानों की मांगों को पूरा करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. इससे किसान काफी खुश हैं.

क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय किसान दिवस?

आपको बता दें कि साल 2001 में तत्कालीन सरकार ने चरण सिंह की जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाने का आदेश दिया था. तब से हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. इस दिन 5वें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती होती है. इनका जन्म 23 दिसंबर, 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ. यह एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में पैदा हुए, जो 1979-1980 के बीच भारत के प्रधानमंत्री रहे.

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इसके साथ ही उन्होंने कई किसान-अनुकूल भूमि सुधार नीतियों में योगदान दिया. इनका प्रधानमंत्री का कार्यकाल काफी छोटा था, लेकिन इस दौरान चौधरी चरण सिंह ने किसानों की भलाई के लिए कड़ी मेहनत की. उन्होंने किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं. इसके अलावा किसानों को साहूकारों और उनके अत्याचारों से छुटकारा दिलाया.

उन्होंने 1939 में ऋण मोचन विधेयक वापस भी पेश किया. इसके साथ ही 1962-63 तक सुचेता कृपलानी के मंत्रालय में कृषि और वन मंत्री के रूप में भी कार्य किया.

English Summary: History and Significance of Kisan Diwas
Published on: 23 December 2021, 12:16 PM IST

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