मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने अपने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, अब किसानों को बिजली बिल की सब्सिडी उनके खातों में भेजी जाएगी. यानी अब किसान अपना अंश और बिजली की सब्सिडी (Electricity Subsidy) लेकर बिजली बिल की अदायगी करेगा. राज्य सरकार के इस फैसले से बिजली कंपनियों को दी जाने वाले करीब 15 हजार करोड़ की सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में जमा होगी.
साल 2020 में हुई शुरुआत
आपको बता दें कि सरकार द्वारा इसकी शुरुआत दिसंबर 2020 में विदिशा जिले डीबीटी (DBT) के जरिए की जा चुकी है. दावा किया जा है कि इस व्यवस्था को लागू करके पावर सेक्टर के लिए निर्धारित 3 सुधारों में से एक को सफलतापूर्वक लागू किया गया है.
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के मुताबिक...
राज्य के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि राज्य को बिजली सुधार को सफलता पूर्वक लागू करने से अपने सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.15 प्रतिशत के बराबर अतिरिक्त वित्तीय पूंजी जुटाने की पात्रता मिल गई है. इसके साथ ही खुले बाजार से 1423 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की भी अनुमति मिल गई है.
सरकार का दावा है कि इस राशि की मदद से राज्य को कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे. ऊर्जा मंत्री का दावा है कि अब किसानों को बिना किसी अड़चन के बिजली सब्सिडी की राशि मिलेगी, साथ ही भष्टाचार पर भी लगाम लगेगी. इसके अलावा कोशिश की जाएगी कि विद्युत वितरण कंपनियों की बैलेंसशीट को भी सुधारा जाए. इससे उनकी नकदी की समस्या भी खत्म हो पाएगी.
जानकारी के लिए बता दें कि इस योजना को विदिशा जिले में दिसंबर 2020 में शुरू किया जा चुका है. इसके तहत करीब 60,081 लाभार्थियों के बैंक खातों में करीब 32 करोड़ 07 लाख रुपए सीधे भेजे गए. अब विदिशा के बाद झाबुआ और सिवनी जिलों में डीबीटी योजना लागू करने की तैयारी की जा रही है. इसके पहले चरण में 3 जिलों में योजना लागू होगी. इसके बाद अनुभव के आधार पर योजना को वर्ष 2021-22 में पूरे राज्य में लागू की जाएगी.