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Updated on: 27 March, 2021 10:30 AM IST
Sheep

वो कहते हैं न कि इंसान का अतीत उसका पीछा कभी नहीं छोड़ता है. भले ही आज हम चांद तलक जा पहुंचे हों. भले ही आज हम आधुनिकता के सैलाब में सराबोर होकर गोता लगा रहे हों, मगर हम अपने अतीत से कभी मुंह नहीं मोड़ सकते हैं. हम उन प्राचीन आर्थिक क्रियाओं से मुंह नहीं मोड़ सकते हैं, जो आज हमारे विकास का सबब बनकर उभर रही है. प्राचीन काल से लेकर अब तक इन्हीं आर्थिक क्रियाओं में से एक क्रिया रही है, वो है पशुपालन, आज हम आपको इस खास रिपोर्ट भेड़ पालन के संदर्भ में बताने जा रहे हैं. भेड़ पालन के संदर्भ में यह पूरी जानकारी हमने डॉ लीला राम गुर्जर से विशेष बातचीत के आधार पर प्राप्त की है.

क्या है भेड़ पालन? (What is sheep rearing?)

पहले आप, जो पशुपालन करने जा रहे हैं, उसके बारे में आपको पूरी जानकारी होनी चाहिए. वहीं, अगर बात भेड़ पालन के संदर्भ में करें, तो इसका अभिप्रार्य भेड़ पालन से होता है. इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए वैज्ञानिक लीला राम गुर्जर बताते हैं कि यूं तो हमारे देश में बेशुमार नस्लों की भेड़ें मौजूद हैं, जिनका प्राचीन काल से ही पालन होते हुए आया है, लेकिन अधिकृत रूप से हमारे पास कुल 48 नस्लें भेड़ की मौजूद हैं, जिनका पालन कर हमारे किसान भाई बहन अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.

भेड़ पालन में कुल खर्चा (Cost of sheep farming)

वहीं, भेड़ पालन के संदर्भ में लगने वाले खर्च की बात करें, तो असल में भेड़ की कीमत मुख्यत: उनकी नस्लों पर निर्भर करती है, लेकिन भेड़ खरीदने में औसतन 5 से 10 हजार रूपए का खर्चा आता है, तो ऐसे में आप देख सकते हैं कि कम पूंजी में यह भेड़ पालन शुरू कर सकते हैं.

 

भेड़ पालन में मुनाफा (Profit of sheep farming)

भेड़ पालन से प्राप्त होने वाले मुनाफे की बात करें, तो इससे पहले आपको उन सभी स्रोतों के बारे में जानने होगा, जिनसे आप आय प्राप्त कर सकते हैं. देखिए, भेड़ पालन से आप विभिन्न प्रकार से आय प्राप्त कर सकते हैं. मसलन, मीट, ऊन व खाद. वैज्ञानिक लीला राम गुर्जर के मुताबिक, भेड़ के द्वारा प्राप्त होने वाला मल खेतीबाड़ी में खाद के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

भेड़ के मल से बनने वाला खाद जमीन की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकते हैं. इनके द्वारा प्राप्त होने वाला खाद खेत के उर्वरक शक्ति को बढ़ाने की दिशा में कारगर साबित हो सकता है, जिसको ध्यान में रखते हुए इनकी अच्छी खासी डिमांड मार्केट में रहती है, जिससे हमारे पशुपालक अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.

भेड़ पालन के फायदे (Benefits of Sheep Farming)

वहीं, अगर भेड़ पालन के फायदे की बात करें, तो इसके बहुत सारे फायदे हैं, जो अन्य पुशपालन में नहीं पाए जाते हैं.

पहला:  भेड़ पालन को किसी भी मौसम में किया जा सकता है. आप वर्ष के 12 माह इनका पालन कर सकते हैं.

दूसरा:   भेड़ पालन से आय प्राप्त करने के बहुत सारे स्रोत होते हैं, जो आमतौर पर किसी अन्य पशुपालन से नहीं प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं. मसलन, आप इसका खाद बनाकर भी आय प्राप्त कर सकते हैं. इसका दूध बेचकर भी आप आय प्राप्त कर सकते हैं. मार्केट में सबसे ज्यादा भेड़ के मांस की डिमांड बनी रहती है. सर्दी के मौसम में आप इससे ऊन भी प्राप्त कर सकते हैं.

तीसरा: भेड़ पालन से प्राप्त होने वाले खाद से मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बढ़ाने की दिशा में बेहद कारगर होते हैं.

कुछ भेड़ों के नस्लों के नाम (Names of some sheep breeds)

गुद्दी, मुजफ्फरनगरी, जालौनी, रामपुर बुशायर, पूंछी, करनाहा, चांगथांगी, बुनपाला, कश्मीर मेरिनो, पुगल तिब्बत, ऐसे करके भेड़ की तकरीबन 48 भेड़ों की नस्लें मौजूद हैं.

वैज्ञानिक का नाम - लीला राम गुर्जर
नंबर - 01437220155

English Summary: full information of Sheep farming
Published on: 27 March 2021, 10:37 AM IST

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