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Updated on: 30 November, 2017 12:00 AM IST
Wheat

नेशनल एग्री फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (एनएबीआई) मोहाली द्वारा सात साल की रिसर्च के बाद काले गेहूं का पेटेंट करा लिया है. एनएबीआई ने इस गेंहू को ‘नाबी एमजी’ नाम दिया है. आपको बता दें काले, नीले और जमुनी रंग वाले ये गेहूं आम गेहूं से कई गुना ज्यादा पौष्टिक है.

ब्लैक व्हीट तनाव, मोटापा, कैंसर, डायबीटीज और दिल से जुडी बीमारियों की रोकथाम में मददगार साबित होगी. देश में यह पहली बार पंजाब में उगाई जाएगी. वैसे ट्रायल के तौर पर इसका पहले ही किसानों के माध्यम से 850 क्विंटल उत्पादन किया जा चुका है. बता दें डॉ. मोनिका गर्ग के नेतृत्व में यह रिसर्च मोहाली में 2010 से की जा रही है.

आम गेहूं में जहां एंथोसाइनिन की मात्रा 5 से 15 पास प्रति मिलियन होती है, वहीं  ब्लैक व्हीट मे 40 से 140 पास प्रति मिलियन पायी जाती है. एंथोसाइनिन ब्लू बेरी जैसे फलों की तरह सेहत लाभ प्रदान करता है. यह शरीर से फ्री रेडिकल्स निकालकर हार्ट, कैंसर, डायबिटीज, मोटापा और अन्य बीमारियों की रोकथाम करता है. इसमें जिंक की मात्रा भी अधिक है.

एनएबीआई ने ब्लैक व्हीट की मार्केटिंग के लिए कई बड़ी कंपनियों से बात करनी शुरू कर दी है. जो किसान भाई इसे उगाना चाहते है उनके लिए एनएबीआई जल्द ही वेबसाइट लांच करेगी.

किसान इस वेबसाइट के माध्यम से ही बीज व अन्य सुविधाए प्राप्त कर सकेंगे. जो किसान ब्लैक व्हीट का उत्पादन करेंगे वो अपनी फसल एनएबीआई को बेच भी सकते है.

English Summary: Farmers will soon introduce black wheat, double priced ...
Published on: 30 November 2017, 06:03 AM IST

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