महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 28 June, 2021 2:21 PM IST
Agriculture News

देश के किसानों का आय दोगुनी करने के लिए सरकार लगातार कई तरह के प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में सरकार किसानों को ऐसा मंच प्रदान करने वाली है, जिस पर देश के छोटे-बड़े किसान एक साथ जुड़ सकेंगे. जहां उन्हें समय पर कृषि और बाजार की जानकारी मिल सकेगी. इसके साथ ही किसान अपनी फसल भी आसानी से बेच सकेंगे.

दरअसल, कृषि मंत्रालाय खेती को स्मार्ट बनाने के लिए एग्रीस्टैक नाम से एक डिजिटल सेवा शुरू करने जा रही है. इसकी शुरुआत 7 राज्यों से हो रही है. इन राज्यों के लगभग 800 गांवों से किसानों और उनकी कृषि भूमि का डाटा एकत्र किया जाएगा. इसके बाद एक डिजिटल प्लेटफॉर्म बनाया जाएगा.

हर कृषि भूमि को माना जाएगा एक यूनिट

मंत्रालय के डिजिटल एग्रीकल्चर प्रमुख संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल की मानें, तो इस प्रोजेक्ट के तहत हर कृषि भूमि को एक यूनिट माना जाएगा. इन सभी यूनिटों के डाटा प्वाइंट को एग्रीस्टैक से जोड़ा जाएगा और फिर पब्लिक व निजी क्षेत्र की सेवाओं को प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा.

कई कंपनियों के साथ करार

कृषि मंत्रालय ने इस प्लेटफॉर्म को तैयार करने के लिए पिछले अप्रैल माह से लेकर जून तक कई प्रतिष्ठित टेक कंपनियों माइक्रोसॉफ्ट कॉप, पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च संस्थान, अमेजन वेब सर्विस, ईएसआरआई, स्टार एग्रीबाजार टेक्नोलॉजी लिमिटेड, इंडिया टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के साथ करार किया है. बता दें कि इस प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र के स्तर पर प्रक्रिया की जा रही है.

दूर होगी किसानों की यह समस्या

अब तक कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जिससे किसानों को पता चल सके कि फसल उगाने से पहले बाजार में उनके फसल की मांग कितनी है. सभी किसानों को अच्छी बारिश होने पर बंपर पैदावार की उम्मीद होती है, लेकिन ऐसे में कई बार किसानों को होलसेल दामों में बड़ी गिरावट का सामना करना पड़ता है. इस स्थिति में बदलाव लाने के लिए प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है.

खेती से जुड़ी हर जानकारी

एग्रीस्टैक के जरिए किसानों को एक यूनिट आईडी दी जाएगी, जो कि आधार नंबर से जुड़ी होगी. इस आईडी में किसानों के जमीन जानकारी रखी जाएगी. इसके साथ ही उस जमीन पर उगाई जाने वाली फसल की उपज की जानकारी भी शामिल होगी. इसके अलावा किसानों को केंद्र सरकार की तरफ से सभी लाभ भी मिलेंगे. इस प्रोजेक्ट के जरिए जमीनी स्तर का डाटा जुटाया जाएगा, ताकि सरकार किसानों को खेती से जुड़ी जानकारियां दे सके. जैसे क्या उगाना चाहिए, किस बाजार में फसलों की कीमत अच्छी है और कृषि लोन से लेकर बाजार भाव तक की हर जानकारी मिलेगी.

जानकारी के लिए बता दें कि पिछले 5 से 7 साल के अंदर कृषि क्षेत्र में एग्री-टेक स्टार्टअप कंपनियों ने 1.5 अरब डॉलर का निवेश किया है. एग्रीस्टैक के जरिए इस क्षेत्र में और निवेश का रास्ता खुल जाएगा.

English Summary: farmers of the country will be on the agristack platform
Published on: 28 June 2021, 02:28 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now