GST में राहत से किसानों को होगा सीधा फायदा, जानें कितनी होगी बचत 15 सितंबर से महिलाओं के खाते में आएंगे 10 हजार रुपये, जानें कैसे मिलेगा लाभ गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की नई योजना, मिलेगी 50% सब्सिडी और फ्री ट्रेनिंग किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 19 November, 2017 12:00 AM IST
Wheat Variety

केंद्रीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली में फार्मर फस्ट परियोजना के तहत गेहूं की उन्नत प्रजातियां एवं बीज वितरण किया गया। जिस दौरान भारी संख्या में किसानों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. आप को बता दें कि यह फार्मर फस्ट परियोजना संस्थान के निदेशन डॉ. आर के सिंह के दिशा निर्देशन में आयोजित की जा रही है.

इस बीच संयुक्त निदेशक डॉ. वीके गुप्ता ने किसानों से वितरित बीजों को वैज्ञानिकों की द्वारा दी गई सलाह के अनुसार बुवाई करने को कहा। ज्ञात हो कि ये बीज उन्नत एवं अगेती प्रजाति के हैं जो कि बरेली की जलवायु के अनुसार बुवाई के लिए उपयुक्त हैं. इस बीच भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र करनाल,मृदा लवणता अनुसंधान केंद्र एवं भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान केंद्र से लाए गए बीजों के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी गई। जिनका वितरण डॉ. गुप्ता ने किया।

बताते चलें कि किसानों को दिए जाने वाले तीन किस्मे वितरित की गई। कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए गेहूं की प्रजाति डीडब्लूडी-88 जो कि 143 दिन में पकती है एवं इसकी औसत उपज 54.2 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है जबकि उपज क्षमता 66.3 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।

तो वहीं गेहूं की दूसरी किस्म एचडी-3086 है जिसकी औसत उपज 54.3 क्विंटल प्रति हैक्टेयर जबकि उपज क्षमता 71.2 क्विंटल है इस किस्म की खासियत है कि पकते वक्त चलने वाली गर्म हवाओं का इसकी पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता है। अब बात तीसरी किस्म एचडी-2967 की करें तो इसकी औसत उपज 50.1 क्विंटल प्रति हैक्टेयर व उपज क्षमता 66.1 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। इसके अतिरिक्त इन तीनों ही प्रजाति की खासियत है कि ये फसल में पीला,भूरा,रतुआ रोग के लिए प्रतिरोधी है.

इस आयोजित कार्यक्रम में बरेली के निकट शादुल्लागंज,गौटिया,फतेहगंज आदि जगह के किसानों ने हिस्सा लिया। संस्थान के पशु आनुवंशिकी विभाग के डॉ. भरत भूषण,डॉ. अजय कुमार शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अरुण प्रताप सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।  

English Summary: Farmers benefited from the information of the advanced varieties of wheat ...
Published on: 18 November 2017, 10:35 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now