केंद्रीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली में फार्मर फस्ट परियोजना के तहत गेहूं की उन्नत प्रजातियां एवं बीज वितरण किया गया। जिस दौरान भारी संख्या में किसानों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया. आप को बता दें कि यह फार्मर फस्ट परियोजना संस्थान के निदेशन डॉ. आर के सिंह के दिशा निर्देशन में आयोजित की जा रही है.
इस बीच संयुक्त निदेशक डॉ. वीके गुप्ता ने किसानों से वितरित बीजों को वैज्ञानिकों की द्वारा दी गई सलाह के अनुसार बुवाई करने को कहा। ज्ञात हो कि ये बीज उन्नत एवं अगेती प्रजाति के हैं जो कि बरेली की जलवायु के अनुसार बुवाई के लिए उपयुक्त हैं. इस बीच भारतीय कृषि अनुसंधान केंद्र करनाल,मृदा लवणता अनुसंधान केंद्र एवं भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान केंद्र से लाए गए बीजों के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी गई। जिनका वितरण डॉ. गुप्ता ने किया।
बताते चलें कि किसानों को दिए जाने वाले तीन किस्मे वितरित की गई। कार्यक्रम में किसानों को संबोधित करते हुए गेहूं की प्रजाति डीडब्लूडी-88 जो कि 143 दिन में पकती है एवं इसकी औसत उपज 54.2 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है जबकि उपज क्षमता 66.3 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है।
तो वहीं गेहूं की दूसरी किस्म एचडी-3086 है जिसकी औसत उपज 54.3 क्विंटल प्रति हैक्टेयर जबकि उपज क्षमता 71.2 क्विंटल है इस किस्म की खासियत है कि पकते वक्त चलने वाली गर्म हवाओं का इसकी पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता है। अब बात तीसरी किस्म एचडी-2967 की करें तो इसकी औसत उपज 50.1 क्विंटल प्रति हैक्टेयर व उपज क्षमता 66.1 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। इसके अतिरिक्त इन तीनों ही प्रजाति की खासियत है कि ये फसल में पीला,भूरा,रतुआ रोग के लिए प्रतिरोधी है.
इस आयोजित कार्यक्रम में बरेली के निकट शादुल्लागंज,गौटिया,फतेहगंज आदि जगह के किसानों ने हिस्सा लिया। संस्थान के पशु आनुवंशिकी विभाग के डॉ. भरत भूषण,डॉ. अजय कुमार शर्मा, प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अरुण प्रताप सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।