लेकिन अब श्रम मंत्रालय (Ministry of Labour) ने लाखों ई-श्रम कार्ड को निरस्त करने के आदेश दिए हैं. जिससे श्रमिकों को मिलने वाली 500 रुपए की राशि नहीं मिल पाएगी. सरकार ने अपात्र श्रमिकों को इस योजना से हटाने का फैसला इसलिए लिया है, क्योंकि कुछ लोगों ने पात्र न होते हुए भी ई-श्रम के तहत रजिस्ट्रेशन करा लिया है. विभाग द्वारा जब इन कार्ड्स की जांच की गई तो वह अपात्र पाए गएं, जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश के 4 लाख से अधिक पंजीकरण रद्द किए जा रहे हैं.
ई-श्रम कार्ड योजना
ई-श्रम कार्ड योजना वर्ष 2021 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई योजना है. जिसका उद्देश्य असंगठित क्षेत्रों में कार्य कर रहे मजदूरों को आर्थिक रूप से सुरक्षा प्रदान करना है. इसके अलावा ई-श्रम कार्ड योजना में पंजीकरण करने से सारे मजदूरों को एक साथ लाया जाता है, ताकि भविष्य में सरकारी कामों के लिए उन्हें आसानी से योजना के साथ जोड़ा जा सके.
इन लोगों को किया अपात्र घोषित
बता दें कि, श्रम मंत्रालय पहले ही ई-श्रम कार्ड बनवाने के लिए गाइडलाइन जारी कर चुका है. इस योजना के लिए केवल असंगठित क्षेत्र के श्रमिक ही पात्र हैं. लेकिन श्रम मंत्रालय की मानें तो देश के कुछ ऐसे लोग, जो पहले से ही किसी प्राइवेट कंपनी के साथ कार्य कर रहे हैं और ऐसे किसानों ने भी ई-श्रम में पंजीकरण करवा है, जिनके नाम पहले से ही जमीन है. ऐसे में अब विभाग ने फर्जी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया है, जिसमें अपात्र लाभार्थियों के नाम को रद्द कर दिया जाएगा.
ई-श्रम कार्ड के लिए पात्रता
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ई-श्रम कार्ड में आवेदन करने के लिए सबसे पहले आपको भारत का नागरिक होना अनिवार्य है.
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पंजीकरण करवाने के लिए उम्मीदवार की उम्र 18 साल से लेकर 59 साल के बीच होनी चाहिए.
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केवल असंगठित क्षेत्र में काम करने वाला श्रमिक इस योजना के लिए पात्र है
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तथा व्यक्ति के नाम कोई जमीन ना हो.
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ई-श्रम कार्ड के फायदे
ई-श्रम कार्ड के लिए आवेदन करने के कुछ ही दिनों बाद श्रमिकों को कार्ड तैयार हो जाता है. इस योजना के माध्यम से सभी श्रमिकों को एक साथ एक मंच पर जोड़ा जाता है, ताकि भविष्य में यदि सरकार कोई योजना बनाती है तो बिना किसी अड़चन के श्रमिकों को सीधे लाभ मिले. इस योजना के तहत श्रमिकों के खाते में 500 रुपए की राशि हस्तांतरित की जाती है. इसके अलावा इन श्रमिकों को 2 लाख रुपए की दुर्घटना बीमा की भी सुविधा दी जाती है.